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दयाशंकर सिंह
मंत्री
यूपी में 10 साल पुरानी बसे भी ढोएंगी सवारियां, बस्ती पहुँचे परिवहन मंत्री ने बताई यह बड़ी वजह
UP: बस्ती सामाजिक समरसता कार्यक्रम में पहुंचे प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम हमारे संकट का साथी है। कोरोना काल में जब निजी वाहन बंद हो गए थे तब हमारी इन परिवहन निगम की बसों ने लोगों को घरों तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह पहली ऐसी संस्था है जो सरकार से अनुदान न लेकर अपने खर्चे पर अपने कर्मचारियों का वेतन सहित अन्य खर्चों का निर्वहन कर रही है। दयाशंकर सिंह ने कहा कि परिवहन निगम की 10 साल से पुरानी बसे हैं वह भी विभिन्न रुटों पर चलेंगी। यह बसें उन रूट पर चलेंगी जहां पर अभी तक बसे नहीं चली है। और लोगों लो आने जाने में परेशानी होती है। जहां 5 किलोमीटर का रूट है 10 किलोमीटर का रूट है ऐसे रूट पर यह बसें चलाई जाएंगी। जहां लोग पैदल जा रहे हैं। उन्हें आने-जाने के लिए कोई संसाधन नहीं उपलब्ध हो रहा है। उनके लिए हम सवारी वाहन उपलब्ध कराएंगे। परिवहन निगम घाटे में है फिर भी कर्मचारियों को सैलरी देता है अपने संसाधन खुद जनरेट करता है, 50,000 से अधिक लोक परिवहन विभाग से सीधे जुड़े हुए हैं। वहीं निजी वाहनों के सवाल पर कहा कि हम परमिट व्यवस्था को सरलीकरण करने जा रहे हैं। हम कोशिश करेंगे कि लोग डग्गामारी न करें आप लीगल में आइए और वाहन चलाइए, आपके ट्रांसपोर्ट को कहीं भी परेशानी नहीं होगी। मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि सरकारी परिवहन की सुविधाएं मात्र 7% रूटों पर है शेष 93% रूटों पर निजी वाहन सवारियों को पहुंचाने का काम कर रहे हैं।अभी विभिन्न हाईवे बन रहे हैं उन पर भी हमें बसों का रूट देना है। हमारे परिवहन निगम की बसें अभी जो 7% रूटों पर चल रही हैं हमारा प्रयास है कि वह 10% रूट तक बढ़ जाए, प्राइवेट उसी रोड पर सवारियां ढोएंगे जहां उन्हें लाभ है। जबकि परिवहन निगम लाभ नहीं भी होगा तभी हम बसे चलाएंगे क्योंकि हमें उन आधे लोगों की भी चिंता की जिम्मेदारी हैं जहां पर निजी वाहन काफी कम है।
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