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दस्त होने पर बच्चों को दें ओआरएस का घोल- सीएमओ


महमूद आलम

15 जून तक मनाया जाएगा सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा, 30 जून तक स्क्रीनिंग अभियान 


सीएमओ ने सदर सीएचसी पर किया सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े एवं गैर संचारी रोग स्क्रीनिंग अभियान का शुभारंभ 


महराजगंज/ सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े एवं गैर संचारी रोग स्क्रीनिंग अभियान का शुभारंभ बुधवार किया गया। यह पखवाड़ा 15 जून तक मनाया जाएगा। इस दौरान बच्चों को दस्त से बचाने के लिए जिंक तथा ओआरएस का घोल दिया जाएगा । गैर संचारी रोग स्क्रीनिंग अभियान 30 जून तक चलेगा।

      मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अशोक कुमार श्रीवास्तव ने सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ( सीएचसी) पर दस्त नियंत्रण  पखवाड़े तथा गैर संचारी रोग स्क्रीनिंग अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि गर्मी में बच्चों के सेहत का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। दस्त होने पर समय से दवाएं दी जानी चाहिए ताकि बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।

      उन्होंने कहा कि बच्चों में दस्त बंद हो जाने के बाद ओआरएस की घोल बंद कर देनी है। जबकि  जिंक की खुराक 14 दिनों तक जारी रखनी चाहिए। ऐसा करने से अगले तीन माह तक डायरिया होने की आशंका कम हो जाती है। 

        उन्होंने कहा कि सभी कम्युनिटी हेल्थ आफिसर्स को निर्देशित किया कि 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की स्क्रीनिंग करें। यदि इस दौरान कोई उच्च रक्तचाप, मधुमेह तथा कैंसर से पीड़ित मिले तो उसकी सूची तैयार कर ब्योरा एनसीडी एप पर फीड करें। ताकि उन्हें उचित इलाज मिल सके। ऐसे लोगों के लिए भी सरकारी अस्पताल पर निःशुल्क तथा कारगर इलाज उपलब्ध है।

      अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि दो से छह माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली माँ के दूध में मिला कर तथा सात माह से पांच साल तक के बच्चों को पूरी गोली देनी चाहिए। जिंक और ओआरएस घोल के बाद भी दस्त बंद न हो तो नजदीक के अस्पताल पर चिकित्सक को जरूर दिखाएं।

      उन्होंने कहा कि डायरिया से ग्रसित बच्चों की जांच एएनएम द्वारा भी का जाएगी।इन बच्चों में अगर कोई अति कुपोषित मिला तो उसके चिकित्सकीय प्रबंधन के लिए उसे एनआरसी भी भेजा सकेगा। यूनिसेफ के डीएमसी अनिल कुमार तोमर ने कहा कि दस्त नियंत्रण पखवाड़े की नियमित मानीटरिंग की जाएगी।

       कार्यक्रम में मुख्य रूप से डीसीपीएम संदीप पाठक, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी श्रीभागवत सिंह, फार्मासिस्ट विजय प्रताप सिंह, बीपीएम सूर्य प्रताप सिंह, फार्मासिस्ट आशुतोष   त्रिपाठी, उपेन्द्र जायसवाल, सुनीता श्रीवास्तव, सबनम, बबिता, प्रियंका , महेन्द्र यादव, मौजूद रहे।

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घर-घर जाएंगी आशा 


सदर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डाॅ. केपी सिंह ने कहा कि सभी आशा कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया गया है कि वह पांच साल तक के बच्चों की सूची तैयार कर लें। जिन परिवारों में पांच साल तक के बच्चे हैं उन्हें ओआरएस का घोल बनाने तथा इस्तेमाल करने का तरीका बता दें।

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डायरिया के लक्षणः


-बच्चों को पानी जैसा मलेरिया आना।

-बार-बार उल्टी होना।

-अधिक प्यास लगना।

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