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Ballia News: डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी, हर रविवार करें मच्छर पर वार

डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता बेहद जरूरी
● जलजमाव होगा जहां, मच्छर पैदा होंगे वहां।
●हर रविवार करें मच्छर पर वार
लार्वा पर प्रहार से होगा डेंगू का संहार
बलिया, 23 अगस्त 2023
बरसात का मौसम मच्छरों के पनपने के लिए बहुत ही माकूल होता है। यही कारण है कि इन दिनों मच्छर जनित रोग खासतौर पर डेंगू - मलेरिया बहुत तेजी से फैलते हैं। एडीज़ मच्छर के काटने से डेंगू होता है।यह मच्छर दिन में काटता है। पाँच से छह दिन बाद डेंगू के लक्षण नजर आते हैं। डेंगू से डरने की नहीं है, बल्कि सावधान और जागरूक रहने की आवश्यकता है। यह बात जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने कही।
उन्होंने बताया कि डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला स्तर पर जिला अस्पताल में 10 बेड, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांच बेड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो बेड आरक्षित किये हैं।
उन्होंने बताया कि डेंगू का लार्वा साफ पानी में पनपता है। इसलिए ध्यान देने की जरूरत है कि घर और आसपास साफ पानी इकट्ठा न होने दें। जहां जल जमाव होगा, वहां मच्छर पैदा होंगे। इसी लिए विभाग का नारा है – हर रविवार मच्छरों पर करें वार। यानि साफ-सफाई और जागरूकता से काफी हद तक मच्छरों को पनपने से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा डेंगू के लक्षण नजर आने पर तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र जाकर चिकित्सक से परामर्श लें। खुद डाक्टर न बनें, अपने आप कैमिस्ट से लेकर दवा न खाएं। उन्होंने बताया कि डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा जांच बेहद जरूरी है,जिससे डेंगू की पहचान होती है। एलाइजा जांच  सदर अस्पताल बलिया के सेंटिनल लैब में उपलब्ध है। यह जांच बीमारी का संदेह होने पर कोई भी व्यक्ति करा सकता है।
त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त आदि डेंगू के लक्षण हैं
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांन्स टीम द्वारा  निरोधात्मक कार्यवाही के साथ जनजागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, सोर्स रिडक्शन, ज्वर पीड़ित मरीजों के रक्त नमूनों की जाँच, ब्लीचिंग पाउडर, नालियों में लार्वी साइडल का छिड़काव किया जा रहा है।

 *मच्छर से करें बचाव :–* 

– दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं;

– मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें;

– अनुपयोगी वस्तुओं में पानी जमा न होने दें;

– पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रखें; 

– पूरी बांह वाली कमीज और पैंट पहनें;

– घर और कार्यस्थल के आसपास पानी जमा न होने दें;

– कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं;

– गड्ढों में जहां पानी इकट्ठा हो, उसे मिट्टी से भर दें। 

 *बुखार होने पर क्या करें :–* 

- बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार ही अपना उपचार करें

- सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें

- बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ओआरएस घोल, ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें। अपने से दर्द निवारक दवा का सेवन न करें और झोला छाप डॉक्टर से इलाज न करायें।
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