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जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है- राघवेंद्र सिंह


बस्ती: जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है।आर्य वीर दल संगठन की स्थापना देश और धर्म की रक्षा के लिए हुआ है और यह अपने उद्देश्य में सफल हो। ये हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मुख्य अतिथि राघवेन्द्र सिंह पूर्व विधायक डुमरियागंज ने आर्य समाज के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही राजमाता आशिमा सिंह ने बताया कि आर्य समाज ने आर्य वीर दल के माध्यम से ऐसे शूरवीर पैदा किए हैं जिन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है। अतिथिद्वय आर्य समाज नई बाजार बस्ती के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में आर्य वीर दल के शौर्य प्रदर्शन कार्यक्रम में आर्य वीरों को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व दिनेश आर्य प्रमुख प्रशिक्षक आर्य वीर दल दिल्ली प्रदेश के नेतृत्व में आर्य वीर वीरांगनाओं ने सर्वांग सुन्दर व्यायाम सहित अनेक शारीरिक व्यायाम और योगासनों का प्रदर्शन किया जिसमें राहुल आर्य, मनोज आर्य, गौरव आर्य व्यायाम शिक्षकों ने सहयोग किया। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि सोमनाथ मंदिर पर 16 बार आक्रमण का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हम अपनी रक्षा स्वयं करते तो गजनी कभी भी सोमनाथ मंदिर को लूट नहीं पाता इसलिए हम वेद के मार्ग पर चलकर स्वयं अपनी रक्षा करें। इस अवसर पर अतिथियों को ओम चित्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि इस समारोह में बस्ती, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, मऊ, बलिया, गोरखपुर, महाराजगंज, बाराबंकी, लखनऊ, बरेली, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, देवरिया, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, पीलीभीत, उत्तराखंड, बिहार, प्रयागराज और  सुल्तानपुर आदि जिले के लोगों ने हिस्सा लिया है जो यहां से वेदों का संदेश लेकर अपने अपने क्षेत्रों में जायेंगे।स्टेशन रोड बस्ती के एक निजी लान में आयोजित आर्य समाज नई बाजार बस्ती के स्वर्ण जयंती समारोह में पधारे स्वामी वेदमृतानंद ने वैदिक संध्या के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सम्यक ध्यान को संध्या कहते हैं। संध्या हमारे विचारों एवं मन को शुद्ध कर देता है। वेद में प्रातः सायं संध्या के महत्व को बताते हुए कहा गया है कि जो व्यक्ति संध्या करता है वह धर्मपूर्वक कार्य करते हुए अपने जीवन को सफल बनाता है। पंडिता रुक्मिणी देवी ने ईश्वर का वैदिक स्वरूप विषय पर भजन भक्ति कर भगवान की काम तेरे जो आएगी। प्रस्तुत कर कार्यक्रम को एक नई दिशा दी उन्होंने कहा कि चरित्र के मामले में भारत विश्व में नंबर एक पर था। आज अगर हम आर्य समाज के नियमों का पालन करें तो हम फिर उसी स्थान पर पहुंच सकते हैं। डॉ अशरफी लाल शास्त्री ने कहा कि स्वामी दयानंद सरस्वती ने देश में फैले हुए आडंबर को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया उन्होंने गुरु विरिजानंद के बताए हुए  वेद के ज्ञान के प्रकाश को पूरे भारत में फैलने का काम किया परमात्मा और आत्मा के संबंध में बताते हुए शास्त्री ने कहा कि जो आता है वह जाता है वो आत्मा है ,जो भेजता है बुलाता है  वह परमात्मा है। भजनोपदेशक पंडित भीष्म देव ने दयानंद के जीवन पर भजन देव दयानंद तेरे एहसान हम उतारेंगे कैसे लेकर कितने जन्म गाकर श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रोफेसर व्यास नंदन शास्त्री ने समस्त क्रांति के सूत्रधार महर्षि दयानंद के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश की आजादी में स्वामी दयानंद सरस्वती का विशेष योगदान रहा है जिन्होंने नौजवानों को अंग्रेजों से लड़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम संयोजक आचार्य सुरेश जोशी ने कहा कि आर्य समाज के ऐसे आयोजन से लोगों  में अपने धर्म के प्रति आस्था बढ़ती है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से एडवोकेट वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय, अशोक आर्य,आदित्यनारायण गिरी, स्वामी वेदामृतानानाद सरस्वती, शिव श्याम, नीतीश  कुमार, विवेक गिरोत्रा, सुजाता गिरोत्रा, यशस्पति अग्रवाल, शिवांग पाण्डेय, अजीत पाण्डेय, देवव्रत आर्य, आनन्द स्वरूप आर्य, चंद्रमुनि, राजेश, महेन्द्र अवधपुरी,  शिव श्याम, महेश शुक्ल, सत्यप्रकाश आर्य, रश्मि आर्य, रजनी, अनुपमा अग्रवाल, राजकुमार सिंह, दुर्गेश सिंह, प्रांत प्रभारी पतंजलि योगपीठ उत्तर प्रदेश, सुभाष चन्द्र आर्य, नवलकिशोर, कनचनलता आर्य, अभयनाथ शुक्ला, आनन्द श्रीवास्तव सम्मिलित रहे।


 

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