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ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक जिलाध्यक्ष लालजी आजाद की अध्यक्षता में सम्पन्न

कलवारी, बस्ती। रविवार को कलवारी कस्बा स्थित एक निजी होटल में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक जिलाध्यक्ष लालजी आजाद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार की जा रही छापेमारी को लेकर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों ने आपति जताई।

          बैठक में बड़ी संख्या में आए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों को संबोधित करते हुए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रेम त्रिपाठी ने कहा कि गांव में रहने वाले तमाम गरीब लोगों के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक किसी मसीहा से कम नहीं है। गरीबों के पास पैसा ना होने की दशा में भी ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक लोगों का निशुल्क इलाज करते हैं। कोरोना काल की भयावता के बीच में जहां जिले के सरकारी डॉक्टर अपने को असहाय महसूस कर रहे थे उस समय झोलाछाप कहे जाने वाले ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक अपनी जान जोखिम में डालते हुए अपना क्लीनिक बंद करके गांव-गांव जाकर ग्रामीणों का निशुल्क इलाज कर रहे थे। उस समय सरकार सहित समाज के हर तबका के लोग ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों को देवदूत का दर्जा दे रहे थे। लेकिन परिस्थितियों बदली तो उत्साह वर्धन को कौन कहे आज जिले का स्वास्थ्य महकमा लगातार छापेमारी कर रहा है। जबकि हरियाणा सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवकों का रजिस्ट्रेशन करवाकर उन्हें प्रशिक्षित करवा रही है। और उनसे सरकारी कर्मचारियों की भांति सेवा लेने जा रही है।

          अपने सम्बोधन में डॉ जवाहर लाल विश्वकर्मा ने कहा कि स्वस्थ समाज के बिना स्वस्थ भारत की परिकल्पना बेमानी है। राष्ट्र की सेवा मुख्यतः दो ही लोग करते हैं एक सेना जो सीमा पर रहकर पूरे देश की सुरक्षा करते हैं। दूसरे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक जो गरीब तबके को सँभालने में चौबीस घंटे समय लगाता है। गरीबो के बीच रहने वाला और गाँव में झोला छाप डॉक्टर कहा जाने वाला ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक गरीबो के दर्द को अच्छी तरह समझता है। यही कारण है कि जहाँ ग्रामीण क्षेत्रों के आठ प्रतिशत लोगो का इलाज सरकारी डॉक्टर करते हैं वही छिहत्तर प्रतिशत सेवा ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक करते हैं। पिछली सरकारों ने हमें प्रशिक्षित कर नियमित करने का आश्वासन दिया था। लेकिन लगातार सेवा के बदले हमे छापेमारी का दंश उपहार स्वरूप मिल रहा है।

          डॉ एन के चौहान ने अपने सम्बोधन में कहा कि बस्ती जनपद के कुल आबादी के पैसठ प्रतिशत मरीजों का इलाज ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक करते हैं। जनपद में कुल ग्यारह हजार झोला छाप डॉक्टर के अलावा मेडिकल स्टोर के भाइयों की लड़ाई संगठन लड़ रहा है। 

          जिलाध्यक्ष डॉ लालजी आजाद ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार हमें झोला छाप न कहकर ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक का दर्जा दे। सरकार के सहयोग से हमारा भी रजिस्ट्रेशन हो। योग्यता के आधार पर हमें भी प्रशिक्षित करे। यदि सरकार हमारी मांग मानती है तो हम हर छः माह में निःशुल्क शिविर आयोजित कर मरीजों की सेवा करेंगे।  बैठक को डॉ तोराब खान, डॉ तस्लीम खान, डॉ नूरूल्लाह खान, राम अवतार वर्मा ने भी सम्बोधित किया।

          इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ अनिल कुमार रंजन, डॉ तोराब अहमद, डॉ तस्लीम ख़ान, डा उदयभान यादव, डॉ नूरूल्लाह खान, डॉ सतीश कुमार सहित तमाम ग्रामीण स्वास्थ्य सेवक उपस्थित रहे।

          

इन्सर्ट

कलवारी, बस्ती। बैठक के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ प्रेम त्रिपाठी की अनुशंसा पर बस्ती के जिलाध्यक्ष डॉ लाल जी आजाद ने

सोनू सिंह को जिला उपाध्यक्ष, डॉ के वी शुक्ल जिला महासचिव, डॉ एन के चौहान को जिला महामंत्री, डॉ राम सुन्दर राव को जिला संगठन मंत्री,  डॉ रितिन सिंह को जिला मंत्री, डॉ सोनू कुमार को ब्लाक अध्यक्ष बस्ती के पद पर मनोनीत किया। और कहा कि इन पदाधिकारियों के मनोनयन से संगठन के कार्यो में और तेजी आएगी।



 

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