Bahraich news : चीनी मिल के खिलाफ भड़के किसान, आक्रोशित गन्ना किसानों ने कांटे पर किया प्रदर्शन
चीनी मिल के खिलाफ भड़के किसान, आक्रोशित गन्ना किसानों ने कांटे पर किया प्रदर्शन
विकासखंड मिहींपुरवा अंतर्गत गोपिया बैराज पर स्थित गन्ना क्रय केंद्र पर नानपारा चीनी मिल द्वारा एकाएक गन्ने की तौल रोक दिए जाने से आक्रोशित गन्ना किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया और चीनी मिल के विरुद्ध नारे लगाए।
गोपिया बैराज स्थित गन्ना क्रय केंद्र पर 22 फरवरी को गन्ना किसानों की उसे समय भारी भीड़ एकत्र हो गई जब उन्हें जानकारी प्राप्त हुई की नानपारा चीनी मिल द्वारा अब गन्ने की तौल गोपिया बैराज पर नहीं की जाएगी।
। गोपिया बैराज पर स्थित गन्ना क्रय केंद्र पर एकत्र गन्ना किसानों शोभाराम वर्मा, सत्यनारायण वर्मा, राम आसरे यादव, योगेश वर्मा, चंदन सिंह सहित दर्जनों किसानों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि चीनी मिल प्रशासन नानपारा हम लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। कई वर्षों से हम लोग गन्ना बो रहे हैं। चीनी मिल इसी गन्ने को बराबर खरीदती रही है किंतु इस वर्ष दो महीने गन्ना खरीदने के पश्चात मिल प्रबंधन ने कहा कि अब हम यह गन्ना कोसा श्रेणी में नहीं खरीदेंगे, सामान्य श्रेणी में खरीदेंगे। मजबूर होकर किसानों ने सामान्य श्रेणी में भी मिल् को गन्ना देना जारी रखा किंतु कुछ ही दिनों बाद मिल प्रशासन द्वारा कहा गया कि अब गन्ना रिजेक्ट श्रेणी में लिया जाएगा । लाचार किसान रिजेक्ट श्रेणी में भी गन्ना देता रहा लेकिन 22 फरवरी को सीसीओ का तुगलकी फरमान आ गया कि अब गन्ना लिया ही नहीं जाएगा। किसानों ने यह भी बताया की गन्ने की जांच भी हो चुकी है और एवरेज भी सही ठहरा है।
ऐसी स्थिति में किसान क्षुब्थ और आक्रोशित है। गन्ना किसान विवश होकर अपना गन्ना औने पौने रेट में बेचकर अपना खेत खाली करने की सोच रहा है। किसानों ने यह भी आरोप लगाया की मिल प्रशासन उन्हें गन्ने का बीज उपलब्ध नहीं कराता है जिसके कारण उन्हें जो अच्छी प्रजाति आसानी से प्राप्त हो जाती है वही गन्ना वह लोग बोते हैं। मिल प्रशासन किसानों को अच्छी प्रजाति का बीज उपलब्ध कराये। किसानों का यह भी कहना है कि यदि गन्ना ठीक नहीं था तो मिल प्रशासन ने सर्व क्यों किया, सर्वे के समय ही उन्हें गन्ने को रिजेक्ट कर देना चाहिए था। गन्ना किसानों के पास अभी लगभग 40% गन्ना खेतों में लगा हुआ है। मिल प्रशासन द्वारा उनके साथ विश्वास घात किया जा रहा है। किसानों ने चीनी मिल के जनरल मैनेजर और सीसीओ के मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए। किसानों ने यह भी बताया कि यदि नानपारा चीनी मिल द्वारा 23 फरवरी से गन्ने की तौल प्रारंभ नहीं की गई तो वे रोड जाम करके उग्र प्रदर्शन करेंगे जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी नानपारा चीनी मिल की होगी। एक और जहां मोदी और योगी सरकार किसने की आय दुगनी करने का संकल्प लेकर चल रही है वहीं चीनी मिल नानपारा द्वारा सरकार की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
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