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Sunday, July 20, 2021

महिलाओं को बराबर का अधिकार भी मिलना जरूरी: वीना सिंह It is important for women to get equal rights: Veena Singh


 

बस्ती: बुधवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के तहत इस साल के थीम इन्वेस्ट इन वीमेन एक्सलेरेट प्रोग्रेस यानी महिलाओं में निवेश करें और प्रगति में तेजी लाएं विषय पर एक दिवसीय ट्रेनिंग कार्यशाला, सेमिनार और डाक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन प्रेस क्लब बस्ती में विश्व युवक केंद्र नई दिल्ली और युवा विकास समिति के तत्वाधान में किया गया। जिसमें इनमें उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान हुआ, तो वहीं ट्रेनिंग कार्यशाला, सेमीनार और डाक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के जरिये से महिला सशक्तीकरण और स्वावलंबन को लेकर विचार-विमर्श हुआ। 


    इस मौके पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बाल कल्याण अधिकारी वीना सिंह नें कहा की ने कहा कि गांवों में किसान महिलाएं पुरुषों की ही तरह कड़ी मेहनत कर रही हैं। इसलिए उन्हें बराबर का अधिकार भी मिलना जरूरी है। अब बैंक खाते से लेकर जमीन पर अधिकार में उनका नाम दर्ज होता है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के संपत्ति में अधिकार की शुरुआत हुई है। यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया बस्ती-2 शाखा के प्रबंधक अशोक तिवारी नें महिलाओं के बराबरी के लिए संचालित बैकिंग योजानाओं के बारे में जानकारी दी।


असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवेंद्र मोहन पाण्डेय नें महिलाओं के व्यक्तित्व के विकास पर जोर देने की बात कही और स्वयं के व्यक्तित्व को निखारने के तरीकों को भी बताया। राजकीय कन्या इन्टर कालेज की प्रधानाचार्या नीलम सिंह नें महिलाओं की नेतृत्व क्षमता के विकास और सशक्तिकरण को परिवार और समाज में निर्धारित भूमिका के आधार पर समझाने का प्रयास किया। 


राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की प्रभारी डॉ लक्ष्मी सिंह नें कहा कि नारी शुरू से ही सशक्त है। सिर्फ उन्हें याद दिलाने की जरूरत है। नारी से ही जगत है, इसलिए नारी को ही शक्ति रूपा आदि स्वरूपा भी कहा गया है. प्रत्येक क्षेत्र में नारी स्वयं आगे बढ़ रही है।


डॉ. नवीन सिंह नें कहा की महिलाओं को एक नागरिक होने की हैसियत से यह अधिकार है कि उनके नाम से संपत्ति हो। इसका गहरा प्रभाव उनकी जिंदगी पर पड़ता है।  नेशनल हैण्ड बाल खिलाड़ी हिना खातून नें कहा कि आज भी खेल में सबसे ज्यादा मैडल महिलाएं लाती हैं, इससे यह साबित होता है की महिलाएं कमजोर नहीं है। 


सेमीनार के दौरान उपस्थित लोगों को महिला अधिकारों के प्रति संवेदित करने के लिए मर्द, मुस्कान, फाइव डेज फ़िल्में दिखाई गई।


 इस मौके पर शुभ्रा सिंह, नीलम मिश्र, संध्या दीक्षित, मो. इकबाल, गरुनाध्वज पाण्डेय, डॉ प्रेम शंकर, डॉ. कल्पना. डॉ. श्रृंखला श्रीवास्तव,डॉ पूजा श्रीवास्तव, सन्नो दूबे, अरुण कुमार, सरिता सावलानी,अरविन्द बहादुर पाल, रिंकी सावलानी, अनुराधा गुप्ता, सुधांशु अग्रवाल, अनुराग श्रीवास्तव, डॉ ज्योति सिंह, सरिता शुक्ला, डॉ. संगीता यादव, संजय गौतम, लक्ष्मी अरोड़ा, विशाल पाण्डेय, सहित अनेकों लोग मौजूद रहे

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