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Bahraich news : गेरुआ नदी में छोड़े गए कुकरैल से आए 150 घड़ियाल,करते दिखे मस्ती

 Bahraich news : गेरुआ नदी में छोड़े गए कुकरैल से आए 150 घड़ियाल,करते दिखे मस्ती  



बहराइच  जिले में कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी नन्हें घड़ियालों का बसेरा बन रहा है। लखनऊ के पुर्नवास केंद्र कुकरैल से लाकर 150 नन्हें घड़ियालों को शुक्रवार नदी में छोड़ा गया। खुले आसमान के बीच नदी में पहुंचते ही नन्हें घड़ियालों की अठखेलियों ने वन कर्मियों को आनंदित किया।


तराई क्षेत्र में स्थित कतर्निया में वन्य जीवों के साथ जलीय जीवों की वंशावृद्धि तेजी से बढ़ रही है।अब गेरुआ नदी घड़ियाल का प्राकृतिक प्रवास बन रहा है। घड़ियाल पुनर्वास केंद्र कुकरैल लखनऊ से लाकर दो चरणों में 150 नन्हें घड़ियालों को कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी में छोड़ा गया है। वन क्षेत्राधिकारी कतर्नियाघाट अनूप कुमार ने बताया कि गुरुवार को छोड़े घड़ियाल के बच्चों में 11 नर और 64 मादा घड़ियाल हैं। रेंजर ने बताया कि यहां की जलवायु घड़ियाल के बच्चों के हर तरह के विकास के लिए बेहद मुफीद है। साथ ही पर्याप्त भोजन भी गेरुआ नदी में उन्हें मिल रहा है। प्राकृतिक रूप से घड़ियाल का गेरुआ में होना भी जरूरी है। वन दारोगा मयंक पांडेय, आउटरीच प्रोग्राम इंचार्ज शाश्वतराज मौजूद रहे। रेंजर ने बताया कि कुकरैल से घड़ियाल के बच्चों को प्लास्टिक पाईप में नंबरिंग मार्किंग कर लाया जाता है जिन्हें 24 घंटे के भीतर पानी में छोड़ा जाना आवश्यक होता है। नंबरिंग मार्किंग की प्रक्रिया विशेषज्ञों की निगरानी में होता है। इस प्रक्रिया में घड़ियाल के पूंछ के ऊपर के नोंक की कटिंग की जाती है।


रेंजर पर घड़ियाल के बच्चे ने किया हमला

कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी में घड़ियाल को छोड़ते समय घड़ियाल के एक बच्चे ने पाइप से बाहर निकलते समय रेंजर अनूप कुमार की अंगुली को दबोच लिया। गनीमत रही कि अंगुली जबड़े से बाहर आ गई। प्राथमिक उपचार कराया गया है। डीएफओ ने बताया कि पाइप में कैद होने की वजह से बच्चे आक्रामक होते हैं। ऐसे में छोड़ते समय सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

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