भीषण गर्मी में नौतपा से बचाव हेतु अपनाए यह उपाय- डॉ पी के पांडेय
बस्ती: पिछले एक सप्ताह से तेज लू के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग अपने रोजमर्रा का कार्य सुबह-शाम में ही निपटा रहे हैं। लेकिन वहीं मजदूर वर्ग सहित कुछ अन्य लोगों को दोपहर में भी कार्य करने के साथ ही आवागमन करना पड़ रहा है। जिससे हल्का धूप लग जाने के बाद लोगों को बुखार, जुखाम, खांसी तेजी से हो जा रहा है।
डॉक्टर पी के पांडेय
ने बताया कि 25 मई से 2 जून तक सूर्य की किरण सीधे पृथ्वी पर आती है। जिससे लू तापघात (नौतपा) की संभावना बढ़ जाती है। नौतपा से बचाव हेतु सफेद या हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें, प्यास की इच्छा न होने पर भी समय-समय पर पानी पीते रहें, बुजुर्गों-बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें। बाहर जाते समय सिर पर हल्का गीला कपड़ा अवश्य रखें। सफर में अपने साथ पानी रखें, घर में बना पेय पदार्थ जैसे की लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम का पना इत्यादि का सेवन करें, तथा जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पिलाएं। खिड़की को अन्दर से बन्द रखें ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन्होंने बताया कि तेज गर्मी शाम 5 बजे तक होती है। लेकिन विशेष परिस्थिति को छोड़कर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच कड़ी धूप में घर से बाहर न ही निकलें। नशीले पदार्थ जैसे शराब आदि का सेवन न करें, उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ एवं बासी भोजन का सेवन करने से बचें। संतुलित, हल्का एवं नियमित भोजन ही करें।
श्री पांडेय ने बताया कि त्वचा का सूखा एवं लाल होना, उल्टी-दस्त होना, मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द होना या सर का भारीपन महसूस होना, शरीर का तापमान बढ़ना इत्यादि नौतपा का मुख्य लक्षण है।
उन्होंने बताया कि लू तापघात हो जाने पर प्राथमिक उपचार हेतु
एम्बुलेंस की सहायता से नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें, जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें, पंखे से शरीर पर हवा करते रहें, व्यक्ति के पैर को बिस्तर से थोड़ा ऊपर रखकर सुला दें, शरीर के ऊपर पानी से हल्का-हल्का स्प्रे करें, प्रभावित व्यक्ति को ठंडा एवं छायादार स्थान पर ले जाएं, अगर बेहोश ना हो तो ठंडा पानी पिलाते रहें और गीले कपड़े से या स्पंज करें।
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