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श्री कृष्ण जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु



बस्ती। प्रहलाद कॉलोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास पं0 देवस्य मिश्र ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म और श्री कृष्ण की बाल्य लीला की कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

16 अप्रैल से चल रही भागवत कथा का विशाल भंडारा 22 अप्रैल को किया जाएगा। कथा व्यास पंडित देवस्य मिश्र ने बताया कि व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है। अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।

कथा व्यास पंडित देवस्य मिश्र ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उन्हें अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। कथा के दौरान जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। इसके साथ ही उन्होंने अजामिल की कथा, गजेंद्र मोक्ष की कथा व भगवान राम के जन्म उत्सव की कथा का प्रसंग भी सुनाया। कथा के दौरान श्री श्याम नारायण पाल, श्रीमती लालमति पाल, सौरभ पाल, राजकुमार पाल, धर्मेन्द्र पाल, विनोद पाल, रामकुमार पाल, राम बहादुर,चूड़ामणि त्रिपाठी , वरुण, अपूर्वा, सक्षम, धैर्य,कार्तिक, केतन, उमाशंकर शुक्ल,अमित तिवारी ,राम शंकर पाल,

शिवांश त्रिपाठी ,गोपाल शर्मा, प्रदीप शर्मा,गौरव , नितेश, प्रतिमा तिवारी, राहुल, धीरू वर्मा, मंजू पाल,निशा यादव, वृंदा, रिंकू तिवारी सहित अन्य श्रद्धालु मौजूद रहे।



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