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आपातकाल की स्मृतियों से गुजरा ‘मन की बात’ का 123वां एपिसोड, बस्ती में ऐतिहासिक आयोजन

हजारों की संख्या में लोगों की सहभागिता, प्रदेश भर में चर्चा का केंद्र रहा आयोजन



बस्ती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 123वां एपिसोड रविवार को बस्ती जनपद के बालाजी प्रकाश सभागार में भव्य रूप से आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर हजारों की संख्या में लोग कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। साथ ही जिले के सभी 2156 बूथों पर भी इसका सीधा प्रसारण सुना गया। कार्यक्रम को और भी स्मरणीय बनाने हेतु डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर हर बूथ पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा 10-10 पौधारोपण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह आयोजन न केवल जनभागीदारी का अद्भुत उदाहरण बना, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति जागरूकता का संदेश भी व्यापक स्तर पर प्रसारित करने में सफल रहा। इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के जरिए जनता से संवाद करते हुए आपातकाल के काले दौर को स्मरण कराया। उन्होंने इतिहास के पन्नों को पलटते हुए 1975 की आपातकाल की भयावहता पर प्रकाश डाला, जिससे कार्यक्रम एक विशेष विमर्श का रूप ले सका।

कार्यक्रम में असम राज्य प्रभारी एवं पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश संयोजक विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय और भा.ज.पा. जिलाध्यक्ष विवेकानन्द मिश्र समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। इस महत्वपूर्ण आयोजन की जिम्मेदारी अमृत कुमार वर्मा को सौंपी गई थी, जिन्होंने पूरे आयोजन का सफल संचालन भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारत के लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह इतिहास का ऐसा काला सच है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। कार्यक्रम में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, बाबू जगजीवन राम और अटल बिहारी वाजपेयी के उस समय दिए गए वक्तव्यों की ऑडियो क्लिप साझा कर लोकतंत्र की ताकत को याद किया।

प्रधानमंत्री ने बताया कि आपातकाल के दौरान MISA कानून का दुरुपयोग कर लाखों लोगों को बिना कारण जेल में डाल दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई और अदालतों को भी बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जनता ने तानाशाही के आगे घुटने नहीं टेके और लोकतंत्र की जीत हुई।

दिल्ली से आई टीम के साथ दूरदर्शन के अधिकारी भी कार्यक्रम के कवरेज हेतु मौजूद रहे। सभागार में बड़ी स्क्रीन लगाई गई थी, जिसमें बस्ती को पांच बार लाइव दिखाया गया, जिसने जिले की सक्रियता को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम को लेकर स्थानीय जनता में उत्साह इस कदर था कि सुबह 9 बजे से ही लोगों का आगमन शुरू हो गया और 10 बजे तक पूरा सभागार भर गया, जिसके पश्चात अतिरिक्त कुर्सियों की व्यवस्था करनी पड़ी।

विशेष रूप से इस आयोजन में उद्यमी, व्यापारी और बड़ी संख्या में महिलाएं सम्मिलित रहीं। महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टालों—जैसे सिरका, पापड़ और वस्त्र प्रदर्शनी—ने कार्यक्रम को लोकल हस्तशिल्प से जोड़ा और आत्मनिर्भर भारत की झलक भी प्रस्तुत की।

जिलाध्यक्ष विवेकानन्द मिश्र ने मंच से सभी आगंतुकों का स्वागत किया। पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी और विजय बहादुर पाठक ने अपने विचार व्यक्त किए। अंत में क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय ने सभी अतिथियों, कार्यकर्ताओं और जनता के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर गजेन्द्र सिंह, पवन कसौधन, राकेश श्रीवास्तव, अनिल दुबे, यशकांत सिंह, सुशील सिंह, दयाराम चौधरी, अनूप खरे, वीरेंदर त्रिपाठी, ब्रहमदेव यादव, भानु प्रकाश मिश्र, गोपेश्वर त्रिपाठी, सुरेन्द्र सिंह, गौरव अग्रवाल, दिव्यांशु दुबे, अनिल पाण्डेय, प्रमोद गुप्ता, अभिषेक कुमार, ममता पाण्डेय, दिलीप पाण्डेय, अरविन्द सिंह, चन्द्रशेखर मुन्ना, अंकुर वर्मा, कुंदन वर्मा, नेहा वर्मा, नीलम सिंह, सुमन सिंह, शालिनी मिश्र, ममता सिंह, नीरज पाण्डेय, आशीष शुक्ल, बाल कृष्ण तिवारी, जगदीश अग्रहरी, अभिषेक गुप्ता, दीपक सोनी, रवि तिवारी, देवेन्द्र सिंह सहित भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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