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आलोक रंजन
बसपा
कुर्मी वोटरों को साधने में सफल रहे आलोक रंजन तो मजबूत होगी बसपा
बस्ती: जिले में बसपा द्वारा सदर विधानसभा से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद राजनीतिक समीकरण कुछ न कुछ बदलने लगे हैं बहुजन समाज पार्टी जहां इस बार अपने बेस वोट बैंक को बचाने का भरसक प्रयास कर रही हैं। वही जातिगत प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर अन्य जातियों के वोट में सेंध लगाने का प्रयास कर रही है, बस्ती जिले के सदर विधानसभा से प्रसिद्ध समाजसेवी व डॉक्टर वीके वर्मा के बेटे आलोक रंजन वर्मा को मैदान में उतारकर बसपा ने कुर्मी वोटरों में सेंध लगाने का दांव खेला है। अब तो यहां आने वाला वक्त ही बताएगा कि आलोक रंजन वर्मा सदर विधानसभा में कुर्मी जाति के कितने प्रतिशत वोटरों को अपनी तरफ खींचने में सफल रहेंगे। वहीं अगर वर्तमान परिदृश्य को देखें तो आलोक रंजन वर्मा को डॉक्टर वीके वर्मा के सामाजिक कार्यों व उनके जाति में अच्छी पैठ का लाभ मिलता दिख रहा है अब तो आने वाले समय में ही तय हो पाएगा की आलोक रंजन कितने वोटरों को अपनी तरफ लाने में सफल रहेंगे। वही अगर आकड़ो की बात करे तो वर्तमान बस्ती सदर विधान सभा में कुल मतदाता की संख्या 350307 है। यहां सर्वाधिक 55973 दलित मतदाता है। इसके बाद 44537 ब्राहमण, मुस्लिम 43564, कुर्मी 42985 मतदाता आते हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक दयाराम चौधरी ने 92697 मत, सपा प्रत्याशी महेंद्र नाथ यादव ने 50103 मत, बसपा प्रत्याशी जितेंद्र कुमार उर्फ नंदू चौधरी ने कौन 49538 मत प्राप्त किए थे। वहीं अगर वर्तमान प्रत्याशी की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने बीजेपी विधायक दयाराम चौधरी को दोबारा अपना प्रत्याशी बनाया है जबकि सपा बसपा गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर महेंद्र नाथ यादव एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं। जबकि बसपा ने आलोक रंजन वर्मा को मौका दिया वहीं कांग्रेस पार्टी से देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव चुनावी मैदान में हैं।
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