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धूमधाम से मनाई गई संत रविदास की जयंती


हयात अली

मऊ/ बुधवार को तहसील क्षेत्र के विभिन्न अंचलों में संत रविदास की 645वीं जयंती पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाई गई | तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा दरगाह, मधुबन बाजार में झांकी निकाली गयी जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपनी भागीदारी दर्ज करायी | झांकी में बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एंव बाबा रविदास के जीवन को रेखांकित करने का प्रयास किया गया | वहीं बैरिसाथ, नगरी पार, तीथापार जैसे गावं में जनसभा का आयोजन कर लोगों से संत रविदास के असूलों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया गया गया | तहसील क्षेत्र के काठतरांव, कमलसागर, मर्यादपुर, जवाहिरपुर आदि गांवों में संत रविदास जयंती धूमधाम के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। इस दौरान उनकी भक्ति, कर्मयोग व जीवन‌ पर व्यापक प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने बताया कि बाबा रविदास एक संत होने के साथ-साथ एक कवि भी थे और उनका जन्म 15वीं शताब्दी में बनारस में हुआ था | 1540 में बनारस में ही उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली | आज उत्तर प्रदेश सहित, राजस्थान, गुजरात,  महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में उनके लाखों अनुयाई हैं | हमें उनके प्रवचनों से सीख लेकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है |

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