दुबौलिया थाने पर योगाचार्य आदित्य नारायण द्वारा योग शिविर का किया गया आयोजन
बस्ती: दुबौलिया थाने पर योगाचार्य आदित्य नारायण (योगरत्नबस्ती) के सानिध्य में योग शिविर का आयोजन किया गया ।जिसमें आसन, प्राणायाम, मुद्रा एवं आहार समबन्धित जानकारी समस्त को दी गई ।
योग कराते हुए योगाचार्य आदित्य नारायण ने बताया कि योग स्वस्थ जीवन शैली तथा बेहतर जीवन जीने में सहायक है ।योग वह क्रिया है जिसके अन्तर्गत शरीर के विभिन्न भागों को एक साथ लाकर शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को सन्तुलित करने का कार्य किया जाता है ।
योग व्यवस्थित, वैज्ञानिक और परिणाम दोनो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के सुधारों द्वारा प्राप्त किया जा सकता है ।योग बीमारी ही नहीं ठीक करता बल्कि यादाश्त, अवसाद, चिंता, डिप्रेशन, मोटापा, मनोविकारों को भी दूर भगाता है ।
कार्यक्रम के समापन सम्बोधन में थानाध्यक्ष महोदय ने योगा से लाभ के बारे में बताए कि आसन, प्राणायम,मुद्रा से लाभ प्राप्त करने के लिए सुरक्षित और नियमित अभ्यास की आवश्यकता है ।योग का अभ्यास ,आन्तरिक ऊर्जा को नियंत्रित कर शरीर और मस्तिष्क में आत्म विकास के माध्यम से आत्मिक प्रगति को लाना है ।योग के अभ्यास से हम कैंसर, मधुमेह उच्च व निम्न रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी की समस्या, लीवर डेमेज, गले की समस्याओं सहित बहुत सी शारीरिक मानसिक बीमारियों से हम बच सकते हैं ।आपने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया । तदोपरांत थानाध्यक्ष महोदय के द्वारा योग के इतिहास के बारे में बताया गया कि योगएक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। जिसमें शरीर और आत्मा ( ध्यान ) को एकरूप करना ही योग कहलाता है। मन को शब्दों से मुक्त करके अपने आपको शांति और रिक्तता से जोडने का एक तरीका है योग। योग समझने से ज्यादा करने की विधि है। योग के कई सारे अंग और प्रकार होते हैं, जिनके जरिए हमें ध्यान, समाधि और मोक्ष तक पहुंचना होता हैै। 'योग' शब्द तथा इसकी प्रक्रिया और धारणा हिन्दू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में ध्यान प्रक्रिया से सम्बन्धित है। इस समय सारे सभ्य जगत् में लोग इससे परिचित हैं। पहली बार 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 21जून को विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता दी है।कार्यक्रम मे समस्त पुलिस कर्मी, अधिकारी गण उपस्थित रहे।
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