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घरवालों की जिद के कारण बबलू के लाश में उठ रही दुर्गंध,परिजन के बार बार पलटने से पुलिस और प्रशासन परेशान



महमूद आलम 

बृजमनगंज/महाराजगंज- विगत दिनों सौराहा ग्राम पंचायत में बबलू नामक 22 वर्षीय युवक की मौत हो जाने पर घर वालों ने आरोप लगाया था की पुलिस हत्या को दुर्घटना में परिवर्तित कर अभियुक्तों को बचाने का कार्य कर रही है । जिस पर पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता  ने विवेचक बदलते हुए घरवालों के दूसरे आवेदन पत्र को स्वीकार किया और आश्वासन दिया था कि आने वाले समय में विवेचक द्वारा किसी भी अभियुक्त को इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा ।यदि विवेचना में हत्या की पुष्टि होती है तो आरोपितों को उचित सजा देने की बात कहते हुए पुलिस अधीक्षक ने परिवारजनों   शव का अंतिम संस्कार के लिए ले जाने का आग्रह किया था परंतु परिवारजन इस जिद्द पर अड़े रहे की घटना को 302 में दर्ज करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल  भेजे जाने के बाद ही  शव का दाह संस्कार किया जाएगा।

वही  भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पर प्रधान संघ द्वारा बैठक कर यह बात कही गई की प्रधान प्रतिनिधि दिलीप गुप्ता द्वारा पीड़ित परिवार की मदद की गई है। उन्हें राजनीति वस हत्या के आरोप में आरोपित किया जा रहा है। जबकि सूचना मिलने के बाद प्रधान प्रतिनिधि द्वारा पीड़ित को स्थानीय चिकित्सक के पास पहुंचाया गया जहां आए  खर्च को प्रधान प्रतिनिधि द्वारा वाहन भी किया गया साथ ही सीटी स्कैन कराने के लिए पीड़ित को धन भी मुहैया कराया गया परंतु न जाने किस द्वेष के वशीभूत होकर पीड़ित द्वारा प्रधान प्रतिनिधि को ही फंसाया जा रहा है जो सामाजिक रुप से अत्यंत ही निंदनीय है । यदि इस तरह के कार्य सभी लोग करने लगे तो किसी भी ग्राम सभा में पीड़ित ग्रामीण को किसी भी प्रधान या प्रधान प्रतिनिधि द्वारा किसी तरह की सहायता नहीं की जा सकेगी जो समाज हित में नहीं होगा।

स्थानीय थाने पर एक पत्रकार बैठक आयोजित कर थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि पीड़ित परिवारी जन पुलिस पर बेजा दबाव बनाने के कारण लाश को नहीं जला रहे हैं। जबकि उच्चाधिकारियों द्वारा लिखित आश्वासन दिया जा चुका है की किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा जांच अधिकारी द्वारा यदि मामले में कोई भी व्यक्ति संदिग्ध मिला या हत्या जैसे संगीन जुर्म में उसकी संलिप्तता पाई गई तो उसे प्रशासन अंजाम तक पहुंचाएगा । इस आश्वासन के बाद भी  घर वालों द्वारा प्रशासन पर यह दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि बिना जांच के आरोपितों को जेल भेजा जाए ।जो  नितांत अनुचित  है।कुल मिलाकर यह कहना उचित होगा कि मृतक के परिवारजनों के जिद के कारण प्रशासन आऔर आरोपित तो परेशान ही है साथ ही साथ  लाश के सड़ने की स्थिति में पहुंच जाने के कारण गांव में दुर्गंध फैल रही है जो महामारी का कारण बन सकती है यदि अति शीघ्र ही इस पर त्वरित  निर्णय नहीं लिए गए तो गांव में महामारी की समस्या पैदा हो सकती है।बाक्स- विशेष सूत्रों द्वारा पता चला है कि पुलिस और प्रशासन पीड़ित परिवार के गांव का परिक्रमा करते करते अब ऊब चुकी है तथा मृतक के परिवारजनों के बार-बार बात बदलने से अधिकारियों सहित स्थानीय प्रशासन परेशानी में पड़ रहा है जिस से निकलने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है वही गांव में रहरहे कुछ लोगों को महामारी की चिंता सता रही है। जो प्रशासन पर महामारी फैलाने का आरोप मढ़ रहे हैं।

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