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गायघाट में गायत्री महायज्ञ के लिए निकली कलश शोभा यात्रा

अजमत अली कुदरहा: गायत्री प्रज्ञा पीठ गायघाट में रविवार को गाँव और कस्बे की कन्याओं के साथ अखिल विश्व गायत्री परिवार के परिव्राजकों द्वारा कलश शोभा यात्रा निकालकर सात दिवसीय प्रज्ञा पुराण की कथा का श्रीगणेश किया गया। प्रज्ञा पीठ गायघाट से मनोरमा नदी रामपुर घाट के बीच समाज सुधार, संस्कार विकसित करने के लिए प्रेरक नारे लगाये गए। गायत्री प्रज्ञा पीठ गायघाट में बीस से छब्बीस मार्च तक गायत्री परिवार द्वारा सात दिवसीय नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ व प्रज्ञा पुराण की कथा का आयोजन किया गया है। सजल श्रद्धा प्रखर प्रज्ञा के रूप में सिर पर कलश रखकर एक सौ एक कन्याओं और धरती पर स्वर्ग के अवतरण व देव संस्कृत की स्थापना के लिए युग निर्माण की टोली ने झंडों और प्रेरक पट्टिकाओं के साथ कलश शोभा यात्रा के दौरान सामाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए "हम सुधरेंगे - युग सुधरेगा", गन्दे चित्र लगाओ मत - नारी को लजवाओ मत, दहेज़ विरोधी नारे "अगर रोकनी है बर्बादी - बन्द करो खर्चीली शादी", के अलावा मानवीय बुराइयों पर चोट करने वाले व संस्कार विकसित करने वाले नारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। साथ ही प्रेरक नारों से लोग सोचने पर विवश हो गए। कन्याओं के साथ ही बस्ती जनपद के कोने कोने से आये श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सुबह दस बजे शुरू हुई कलश शोभा यात्रा देर शाम मनोरमा नदी के रामपुर घाट से जनवल, गाना होते हुए प्रज्ञा पीठ गायघाट पहुँची। मुख्य यजमान गिरिजा देवी व गिरधारी लाल ने बताया कि शान्तिकुंज हरिद्वार से आई सुशीला देवी की टोली द्वारा प्रतिदिन साढ़े छ बजे से नौ बजे तक प्रज्ञा पुराण की कथा व सुबह के समय रोजाना आठ से ग्यारह बजे तक पञ्च कुण्डीय यज्ञ के साथ निःशुल्क सोलह संस्कार कराया जाएगा। शाम के समय होने वाला दीपयज्ञ कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से परिव्राजक रमापति मौर्या, राम कमल सिंह, धीरेन्द्र सिंह, राम ललित वर्मा, दयाराम यादव, राम ललित यादव, ओम प्रकाश जायसवाल, विजय गुप्ता, राजेश कसौधन, शंकर अग्रहरि, गिरधारी लाल मोदनवाल, हीरालाल कसौधन, डॉ बंगाली, विनोद अग्रहरि, शंभू नाथ अग्रहरि, रामजी गुप्ता के अलावा सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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