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महिला सशक्तिकरण की बेमिसाल उदाहरण हैं रिंकी सावलानी

धर्मेन्द्र पांडेय बस्ती। कहते हैं जहाँ चाह है वहाँ राह है और यह कहावत चरितार्थ करती हैं बस्ती जनपद की रिंकी सावलानी। रिंकी सावलानी पेशेवर तौर पर बेकरी का कार्य करती हैं। जहाँ एक ओर सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही हैं वहीं कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जो अपने हुनर के दम पर समाज में अपनी नई पहचान बना रहीं वह भी कम संसाधनों के साथ। बातचीत में रिंकी सावलानी ने बताया कि वह शुरू से ही पाकशास्त्र में रुचि रखती हैं अच्छे अच्छे पकवान बनाना और उसमें भी रिसर्च करना पसंद है। पहले तो यह हॉबी घर में ही आजमाती थीं लेकिन कोरोना काल में जब सारी चीजें बेपटरी हो गईं इसी दौरान रिंकी सावलानी ने अपने हुनर को तराशना शुरु कर दिया इस क्रम में उन्होंने केक , चॉकलेट आदि बनाने का कार्य आरम्भ किया किसे पता था उनका यह हुनर रिंकीं को समाज में एक नई पहचान दिलायेगा। कोविड के टाइम में रिंकी प्रोफेशनल तरीके से केक का निर्माण करने लगीं और घर से ही फोन पर आर्डर लेने लगीं। जब लोगों ने इनके बनाये हुये केक का स्वाद चखा तो लोगों का मुँह लजीज जायके से भर गया। लोगों को इनके बनाये केक के ज़ायके की लत लग गई। एक समय ऐसा आया कि इतने आर्डर आ जाते कि मना करना पड़ता। इसकी असली वजह यह थी कि रिंकी अपने कार्य के प्रति बहुत संजीदा हैं और उतनी ही सजग हैं अपने द्वारा बनाये गये उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर। रिंकी कहती हैं कि हम जैसा खुद खाते हैं वैसे ही दूसरों को खिलाना पसन्द करते हैं। अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करते क्योंकि आपका काम ही आपकी पहचान है। रिंकी अपने केक लिए उच्चकोटि की चीजें इस्तेमाल करती हैं जो एकदम शुद्ध और ताजा होते हैं, यही वजह है कि इनका उत्पाद बाज़ार में डिमाण्ड में है चाहे वह केक हो या चॉकलेट हो या अन्य उत्पाद। रिंकी अभी अपने घर पर ही फोन से आर्डर लेकर काम कर रही हैं लेकिन भविष्य के लिए उनके सपने बड़े हैं। रिंकी सावलानी होम मेड क्रिएशन के नाम से अपना प्रोडक्ट प्रजेंट करती हैं। सैकड़ों तरह के केक बना सकने वाली रिंकीं जल्दी ही एक ट्रेनिंग सेन्टर भी खोलने वाली हैं जिसमें वह महिलाओं को बेकरी की ट्रेनिंग देंगीं और उनको आत्मनिर्भर बनायेंगी।
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