महाराजगंज जिले में 688 टीबी रोगियों को गोद लेने की कवायद शुरू
निक्षय मित्रों से मिलता है पोषक सामग्री और मानसिक संबल
30 सितंबर को जिला क्षय रोग केन्द्र पर कार्यक्रम आयोजित कर गोद लिए जाएंगे टीबी रोगी
24 मार्च 2022 को गोद लिए गए 734 टीबी रोगी
महराजगंज-20 सितंबर 2022
टीबी रोगियों को गोद लेने वाले निक्षय मित्रों से न केवल पोषक सामग्री, बल्कि मानसिक संबल और अन्य सहयोग भी मिलता है। इससे मरीजों को लगता है कि टीबी रोगियों के सहयोग और इलाज में कोई अपना साथ खड़ा है।
यह कहना है सदर क्षेत्र के निवासी प्रताप पांडेय का। उन्होंने कहा बताया कि उनका करीब साढ़े सतरह वर्षीय पुत्र टीबी से ग्रसित हुआ तो न केवल निःशुल्क जांच और दवा की सुविधा मिली, बल्कि एक अधिकारी द्वारा उसे गोद भी लिया गया।
गोद लेने वाले अधिकारी ने पोषण पोटली दी, जिसमें चना, मूंगफली का दाना, सत्तू, तिल ,गुड़, सूखा फल आदि सामग्री शामिल थी। समय समय पर फाॅलोअफ किया गया। नियमित दवा खाने की सलाह भी मिलती रही। जून 2022 माह में दवा का कोर्स पूरा हो गया। अब वह पूरी तरह से ठीक है। निःक्षय पोषण योजना के तहत 3000 रूपये भी मिले।
वर्तमान में जिले में 1422 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें से 734 रोगियों मार्च 2022 में गोद लिया था। शेष 688 टीबी रोगियों को गोद लेने की कवायद शुरू कर दी गयी है। 30 सितंबर को जिला क्षय रोग केन्द्र पर कार्यक्रम आयोजित कर इन टीबी रोगियों को गोद लिया जाना है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ.वीरेन्द्र आर्य ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री की मंशा है कि वर्ष 2025 तक देश टीबी मुक्त राष्ट्र बन जाएं। इसके लिए शासन , प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
टीबी रोगियों को समुचित और निःशुल्क जांच व इलाज उपलब्ध कराया जाता है, पौष्टिक आहार लेने के लिए निःक्षय पोषण योजना के तहत इलाज चलने की अवधि में पांच सौ रुपये प्रति माह दिया जाता है। समय-समय पर टीबी रोगी खोजी अभियान चला कर नए टीबी रोगियों को ढूंढ कर इलाज शुरू किया जाता है।
टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए जन प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, पदाधिकारियों और व्यवसायियों की जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध किया जा रहा है, ताकि उक्त टीबी रोगियों को गोद लिया जा सके।
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निक्षय मित्रों द्वारा टीबी रोगियों को दिया जाने वाला सहयोग
जिलाधिकारी ने टीबी रोगियों को गोद लेने वाली संस्था या लोगों से कहा है कि गोद लिए गए क्षय रोगियों का उपचार पूर्ण होने तक उनके स्वास्थ्य की मानीटरिंग ( वजन, पोषण स्टेटिंग, जांच एवं उपचार) करने में सहयोग करेंगे । अपने श्रोतों से पौष्टिक आहार ( न्यूनतम छह माह) अथवा उपचार की अवधि पूर्ण होने तक प्रत्येक माह पोषण पोटली उपलब्ध कराएं।
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टीबी मरीज रखें ध्यान:
-टीबी की दवा अपने मन से बंद न करें।
-टीबी के लक्षण आ रहे हो तो तुरंत जांच कराएं।
-दवाओं के साथ चिकित्सक द्वारा बताए गए पौष्टिक आहार का सेवन करें।
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1717 टीबी रोगियों को दिया 34.44 लाख
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक हरिशंकर त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2022 में 1717 लाभार्थियों को निःक्षय पोषण योजना के तहत 34.44 लाख का भुगतान लाभार्थी के खाते में किया गया है।
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