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विश्व हिंदी दिवस पर मूर्तियों की साफ सफाई कर किया माल्यार्पण


 बस्ती: होम्योपैथ एसोसिएशन बस्ती के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी एवं विश्व संवाद परिषद एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव प्रो.डॉ नवीन सिंह द्वारा विश्व हिंदी दिवस पर आचार्य रामचन्द्र शुक्ल लाईब्रेरी स्थित आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, गवर्नमेंट इन्टर कालेज में मुंशी प्रेमचंद जी एवं जिला चिकित्सालय स्थित डा0 हैनिमैन जी मूर्तियों की सफाई और माल्यार्पण किया गया। भारत कई राज भाषाओं और लिपियों से समृद्ध देश है। यहां कई सारी भाषाएं बोली जाती हैं। देश के आधे से ज्यादा भाग को हिंदी भाषा ही जोड़ती है। हिंदी भारतीयों की मातृभाषा है। हालांकि भारत में हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला है लेकिन राजभाषा के तौर पर हिंदी की खास पहचान है। भारत के साथ ही विदेशों में बसे भारतीयों को भी हिंदी भाषा ही एकजुट करती है। हिंदी हिंदुस्तान की पहचान भी है और गौरव भी। हिंदी को लेकर दुनियाभर के तमाम देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। एक सर्वे में आया है चीन जापान, अमेरिका रुस आदि देशों में हिन्दी भाषा स्कूलों में सिखाई जा रही है हालांकि वहां यह भाषा एक्छिक है पर बड़ी संख्या में लोग हिन्दी सीख रहे हैं।हर साल विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को होता है। हिंदी संस्कृत भाषा की सबसे निकटतम भाषा है,और सम्पर्क का सरल माध्यम भी है, हिन्दी के शब्दों में भिन्नता है जैसे हिंदी में चाचा,ताऊ, फूफा,मौसा, मामा हम समझ जाते हैं हम किसे सम्बोधित कर रहे हैं वहीं अंग्रेजी भाषा में सभी के लिए एक ही शब्द आता है अंकल, हम किसकी बात कर रहे हैं यह ज्ञात नहीं हो पाता है। डॉ शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी, डॉ स्वेतांग त्रिपाठी, डॉ राघवेन्द्र सिंह, अंकिता ओझा, ललित,शशी सम्मिलित रहे।

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