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तीन दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी में चमत्कारों की व्याख्या से अन्धविश्वास से उठा पर्दा


 

गीता इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में लगाई गई है विज्ञान प्रदर्शनी  

बच्चों के माडल रहे चर्चा का विषय, औषधीय पौधों के बारे में दी जानकारी  

पडरौना: जिला मुख्यालय पर स्थित गीता इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में सर्वोदय ग्रामोद्योग विकास संस्थान गोरखपुर द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से तीन दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी का शुभारम्भ शनिवार को मुख्य अतिथि ओ.पी. गुप्ता व आनंद कुमार अग्रवाल द्वारा फीता काट कर व दीप प्रज्वलित करके किया गया.

इस मौके पर मुख्य अतिथि व स्कूल के प्रबंधक ओ.पी. गुप्ता नें कहा की किसी भी देश का विकास वहां के लोगों में वैज्ञानिक क्षमता के विकास को जाता है। इस लिए स्कूलों में विज्ञान से जुडी प्रायोगिक गतिविधियों को  समय-समय पर करते रहना चाहिए. उन्होंने कहा आज हमारा देश जिन वैज्ञानिक एवं सामाजिक समस्याओं से जूझ रहा है उससे निजात दिलाने में विज्ञान का बड़ा योगदान हो सकता है. प्रधानाचार्य आनंद कुमार अग्रवाल नें कहा की स्कूल के बच्चो ने आम जीवन में आने वाली समस्याओं  का न केवल प्रदर्शन किया बल्कि उनका समाधान भी बताया है. इनके द्वारा निर्मित माडलों को देखकर ऐसा महसूस हो रहा था कि वे राष्ट्र एवं समाज की समस्याओं से भली भांति परिचित भी हैं और उनका निराकरण करने का उत्साह भी रखते हैं। 

विशिष्ठ अतिथि नूतन दूबे नें कहा की प्रदर्शनी को ग्रामीण स्तर पर भी आयोजित किये जाने की जरुरत है।  उन्होंने कहा की बच्चों द्वारा तैयार माडल देख कर लगता है की मै किसी बड़ी विज्ञान प्रयोगशाला में आ गई हूं.विशिष्ठ अतिथि अपर्णा राव ने कहा की बच्चों को विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलना चाहिए। विज्ञान का हमारे जीवन में बहुत ही महत्व है। विज्ञान से ही हमें जीवन खुशहाल बनाने का तरीका मिलता है। संस्था के सचिव योगेन्द्र राय ने कहा की बच्चों के मॉडल को देखकर इसकी बेहतरीन प्रतिभा का पता चलता है। इनको अगर बड़े पैमाने पर अवसर मिला तो ये देश की अनेक समस्याओं का हल ढूंढ सकते हैं और अनेक नवीन आविष्कार भी कर सकते हैं। जल निगम लैब इंचार्ज प्रभात रंजन नें बच्चों को जल जांच की विधि प्रकाश डालते हुए जल में मौजूद हानिकारक तत्वों की जांच कर जांच विधि पर प्रकाश डाला. जल जीवन मिशन में जी आई एस एक्सपर्ट विमलेश कुमार विश्वकर्मा नें रिमोट सेंसिंग पर प्रकाश डालते हुए करियर की संभावनाओ पर प्रकाश डाला. खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच विशेषज्ञ मुकेश रंजन मौर्य और प्रदीप कुमार कुशवाहा नें खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान करने की विधि पर प्रकाश डाला. 

प्रदर्शनी में ब्लड ग्रुप में, स्वास्थ्य निगरानी, आपदा प्रबंधन से जुडी जानकारियां भी प्रदान की गई. स्मार्ट सिटी, पृथ्वी संरचना, ग्लोबल वार्मिंग, विंड मिल, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, वाटर साइकिल, वॉटर पॉल्यूश, पाल्यूशन एन्ड सोलूशन, प्रोटॉन ऐंड न्यूट्रॉन, सीवेज ट्रीटमेंट, एलेक्ट्रिक सेविंग, सिस्टम, विंड मिल, ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट, स्टिम पॉवर जनरेटर, हाइडरॉलिक क्रेन, ग्लोबल वार्मिंग, हाइड्रो मशीन सहित कई मॉडल बनाए. साथ ही विभिन्न बीमारियों के लक्षण व प्रभाव, विटामिन स्त्रोत, फूलों की आंतरिक संरचना आदि पर पोस्टर निर्माण किया. कार्यक्रम में ब्लड ग्रुप की जांच, मिलावट की जांच, वजन द्वारा स्वास्थ्य निगरानी, विज्ञान के सरल प्रयोग सहित अनेको जानकारी दी गई। इस मौके पर प्रमुख रूप खुशबू ज्योति, अखिलेश चन्द्र राय, सद्दाम हुसैन, अश्वनी शुक्ला, प्रदीप सिंह, शुभम शर्मा, सत्यम सिंह, मदन मोहन पाण्डेय, जयदीप यादव, अर्चना शर्मा, प्रमिला पाल, स्वाति शर्मा, पूर्णिमा दुबे, वन्दना सिंह, अंकुर त्रिपाठी, ब्यूटी यादव, सुषमा मिश्रा, प्रियंका श्रीवास्तव, प्रियंका यादव, मौजूद रहे। कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में भृगुनाथ त्रिपाठी, ममता, रोहित व महेंद्र मौर्या मौजूद रहे. 

ज्ञानेंद्रियों को भ्रमित करके चमत्कार दिखाया जाता है- भृगुनाथ त्रिपाठी ‘पंकज’

प्रदर्शनी में में ‘अंधविश्वास उन्मूलन: चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या’ विषय पर कार्यशाला हुई। इसमें चीफ रिसोर्सपर्सन व विज्ञान संचारक भृगुनाथ त्रिपाठी ने बताया कि जो लोग हवन कुंड में बिना किसी माचिस के आग लगाकर दिखाते हैं, वह कोई चमत्कार नहीं होता है। देसी घी के रूप में ग्लिसरीन से हवन कुंड में छिपाए हुए पोटैशियम परमैग्नेट पर अभिक्रिया से बिना माचिस जलाए अग्नि प्रज्ज्वलित करते हैं।  उन्होंने एक रस्सी को काटकर जोड़ा। उन्होंने बताया कि हमारी ज्ञानेंद्रियों को भ्रमित करके चमत्कार दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि पाइप को एक आंख के सीध में रखकर दूसरे आंख के सामने हाथ रखने पर हाथ में छेद का एहसास होता है। इसी तरह से उन्होंने चावल से नजर उतारने का भी प्रदर्शन किया, जिस प्रक्रिया में चाकू चावल में फंस जाता है। बताया कि चाकू को चावल में चार-पांच बार ऊपर-नीचे करने पर चावल ठोस हो जाता है और चाकू चावल में फंस जाता है। 

अंधविश्वास हमें नकारात्मकता की ओर ले जाता है

उन्होंने कहा कि आस्था एवं अंधविश्वास के बीच एक लकीर होती है। जनसमुदाय को इसे समझना जरूरी है। जहां आस्था हमें जीवन का सकारात्मक स्वरूप दिखाती है। वहीं, अंधविश्वास हमें नकारात्मकता की ओर ले जाता है। 

प्रधानाचार्य आनंद कुमार अग्रवाल ने कार्यशाला में सभी का स्वागत किया। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि कार्यशाला में बताई गई बातों को जनसमुदाय तक पहुंचाने का काम करें। 

कपूर को हाथ व जीभ पर जलाकर दिखाया

कार्यशाला में कपूर को हाथ और जीभ पर जलाकर दिखाया गया। बताया गया कि कपूर सीधे ठोस से गैस में बदल जाता है। जीभ पर लार के कारण वह गरमी अवशोषित कर लेता है। इसलिए जीभ पर कपूर थोड़ी देर तक जलाया जा सकता

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