24 C
en

जिले में 52 निक्षय मित्रों ने 78 टीबी मरीजों को लिया गोद:डीटीओ परवेज़ अख्तर

 जनपद को टीबी मुक्त बनाने में निक्षय मित्रों का मिल रहा साथ





आजमगढ़, सदर ब्लॉक निवासी 51 वर्षीय लक्ष्मीनारायण टीबी ग्रसित हैं| जनवरी 2023 से उनका उपचार सदर जिला चिकित्सालय से चल रहा है| लक्ष्मीनारायण बताते हैं-“रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण करता था लेकिन बीमारी की वजह से रिक्शा चलाना बंद है|जांच और उपचार की सुविधा तो पीएचसी से मिल रही थी,लेकिन काम बंद होने का असर खानपान पर पड़ने लगा| एक तो बीमारी और दूसरी तरफ पौष्टिक आहार न लेने से तबीयत बिगड़ रही थी|इसी बीच 23 मार्च को स्वास्थ्य विभाग ने फोन कर बताया कि वेदांता हॉस्पिटल ने मुझे गोद लिया है| 24 मार्च को बुलाकर सम्मानपूर्वक पोषण पोटली दी गयी| पोषण की सुविधा से बहुत आराम मिल गया है| बीमारी से उबरने में इससे मदद मिल रही है|”


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.परवेज़ अख्तर ने बताया - जनपद को टीबी मुक्त बनाने के अभियान में निक्षय मित्रों की भूमिका कारगर साबित हो रही है| आर्थिक रूप से कमजोर टीबी मरीजों को पुष्टाहार प्रदान करने में निक्षय मित्र अहम भूमिका निभा रहे हैं| डॉ.अख्तर ने बताया कि वर्ष 2022 से अब तक जनपद में 52 निक्षय मित्र बनाए गए हैं, जिसमें निजी चिकित्सालयों एवं अन्य सहयोगी संस्था के सहयोग से 78 क्षय रोगियों को गोद लेकर पुष्टाहार के साथ उन्हें भावनात्मक व सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है|


जिला कार्यक्रम समन्वयक पीयूष अग्रवाल ने बताया - वर्ष 2022 अप्रैल से अब तक टीबी के कुल 9247मरीज इलाज पर रखे गए हैं|  जिले के अन्य सभी सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तिगत तौर पर लोगों को इस दिशा में आगे आना चहिये| निक्षय मित्रों के सहयोग से टीबी रोगियों का हौंसला बढ़ जाता है|क्षय रोगियों को जब यह पता लगता है कि परिवार के अलावा समाज के लोगों को भी उनकी परवाह है, तो ठीक होने की उम्मीद मज़बूत हो जाती है| बीच में उपचार न छोड़ने और नियमित रूप से दवा खाने के बारे में पूछते हैं तो उनका मनोबल बढ़ता है| जिन मरीजों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होती, उन्हें प्रोटीन युक्त पोषाहार उपलब्ध कराने में सहयोग करने से मरीज को इलाज पूर्ण कराने में मदद मिलती है|


आप भी बन सकते हैं निक्षय मित्र  

जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि निक्षय मित्र बनाने की योजना टीबी रोग से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है|इसके तहत कोई भी सामान्य नागरिक,जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दल,गैर सरकारी संस्थान,कॉर्पोरेट संस्थान टीबी के मरीज को कम से कम एक वर्ष के लिए और अधिक से अधिक तीन वर्ष के लिए गोद ले सकता है|वह गोद लिये हुए टीबी रोगियों को पोषण उपलब्ध कराने के साथ-साथ भावनात्मक रूप से भी मदद करेगा ताकि क्षय रोगी जल्द से जल्द  स्वस्थ हो सकें|निक्षय मित्र बनने के लिए निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है| विस्तृत जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क भी किया जा सकता है। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से निक्षय मित्र को क्षय रोगियों का विवरण उपलब्ध कराया जाता है,जिन्हे गोद दिया जाता है|

वेदांता स्कूल ऑफ नर्सिंग ने 10 गाँवों को लिया गोद  

वेदांता स्कूल ऑफ नर्सिंग के प्रबंधक विशाल जायसवाल ने बताया - वेदांता स्कूल ऑफ नर्सिंग ने वर्ष 2022 में 10 गांवों को गोद लिया है जिसमें बद्दोपुर, पथखौली, बलरामपुर,  हीरापट्टी, मुखेरीगंज,हर्र की चुंगी, ज्ञाशपुर, अहोपट्टी, हाफिजपुर, पगरा शामिल हैं|   इन गांवों की कुल 49,951 जनसंख्या में टीबी के मरीजों का चिन्हित करने,जांच, इलाज एवं पोषण की सुविधा उपलब्ध कराने में मदद की जा रही है| इसके साथ ही नर्सिंग एंड पैरामेडिकल के विद्यार्थियों के सहयोग से समय-समय पर क्षय रोग के बारे में पोस्टर,बैनर के साथ रैली व नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर लोगों को जागरूक किया जाता है| वर्ष 2022 से अब तक लगभग 600 लोगों की टीबी की जांच की सुविधा दी गयी है|इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 10 टीबी के मरीजों को गोद लिया गया| गोद लिए हुए मरीजों को पोषण पोटली में सत्तू, गुड, चना, पूरक पोषक आहार आदि दिया जाता है| उन्होंने कहा कि टीबी रोग से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि इलाज कराने की जरूरत है|

Older Posts
Newer Posts

Post a Comment