अपने ही जिला अध्यक्ष के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा, इस्तीफा की मांग
मधुबन(मऊ):- मऊ जनपद में नगर निकाय चुनाव में सपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है । जिले में यह चुनाव सपा के लिए बहुत ही खराब रहा। सपा कार्यकर्ताओं ने इसका ठिकरा सपा के जिलाध्यक्ष दूधनाथ यादव के ऊपर फोड़ा है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दूसरे पार्टी के प्रत्याशी को जिताने के लिए जिलाध्यक्ष ने लेन देन के सहारे पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता को पार्टी से घोषित न कर कमजोर प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा। जिससे उसकी जमानत तक नहीं बच सकी। सपा कार्यकर्ताओं की मांग है की नैतिकता के आधार पर जिलाध्यक्ष श्री यादव व जिले के प्रभारी व पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम करैली को इस्तीफा दे देना चाहिए।
जिला अध्यक्ष की कमी आयी सामने
सपा के निवर्तमान ब्लाक अध्यक्ष महेंद्र यादव का कहना है कि निकाय चुनाव में सपा के जिलाध्यक्ष ने दूसरे दल की जीत सुनिश्चित कराने के लिए एंव दूसरे दल को जिताने के लिए पार्टी से जमीनी व जिताऊ कार्यकर्ता को तवज्जो न देकर मुकाबले में कमजोर प्रत्याशी घोषित कर उसके समर्थन में प्रचार न करना जिलाध्यक्ष की कमी को उजागर कर रहा है।
ऐसे कैसे पार्टी जीतेगी 2024 का चुनाव
यादव महासभा के जिला महामंत्री सीता राम यादव का कहना है कि मऊ में ऐसे जिलाध्यक्ष के रहते आगामी लोकसभा का चुनाव फतह करना सपा के लिए बहुत ही कठिन हो जायेगा। दूसरे दल के प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए खुद सपा के जिलाध्यक्ष इस मुहिम में शामिल होकर पार्टी को बैकफुट पर ला दिए हैं। मधुबन नगर पंचायत के चुनाव परिणाम में सपा प्रत्याशी को मात्र 76 वोट मिले तो फिर कार्यकताओं का मनोबल तो टूटेगा ही। ऐसे में वर्तमान जिला अध्यक्ष को खुद ही नैतिकता का आधार पर इस्तीफा दे देनी चाहिए।
पार्टी की हो रही किरकिरी
सपा नेता ओमप्रकाश यादव का कहना था कि जनपद में 10 नगर पंचायत में केवल एक सीट सपा जीत पायी है। पार्टी को जिले में इस तरह की करारी हार का कभी सामना नहीं करना पड़ा था। इस परिणाम से चहुंओर पार्टी की किरकिरी हो रही है। उन्होंने पार्टी के जिलाध्यक्ष व जिले के प्रभारी से नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफे देने की मांग की है।
जिलाअध्यक्ष बोले अकेले हम ज़िम्मेदार नहीं
वहीं इस संदर्भ में सपा जिलाध्यक्ष दूधनाथ यादव का कहना था कि मऊ जनपद में सपा प्रत्याशियों की हार के अकेले हम ज़िम्मेदार नहीं। इसमें पार्टी से जुड़े सभी पदाधिकारियों की जिम्मेदारी भी बराबर की बनती है। जिले में सपा के दो विधायक हैं। क्या सपा प्रत्याशियों को जिताने में उनकी मदद करना उनकी जिम्मेदारी नहीं बनती थी। निकाय चुनाव में जनपद में पार्टी की इस हार की समीक्षा की जाएगी। चुनाव में हुई गलतियों को दूर किया जायेगा।
Post a Comment