लगभग दो साल से दूषित पानी पीने को मजबूर है पांच गांव के पंद्रह हजार ग्रामवासी
कुदरहा,बस्ती अजमत अली:
सन दो हजार बीस से ऑपरेटर को मानदेय व मेंटीनेंस के नाम पर मिला फूटी कौड़ी
ऑपरेटर को मानदेय न मिलने से पाँच ग्राम पंचायत के लोग दूषित जल पीने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत को हैंडओवर होने के बाद ग्राम प्रधान ने ऑपरेटर को मानदेय नही दिया। जिससे ग्रामीणों को समय से शुद्ध पेयजल नही मिल रहा हैं। ब्लॉक के पाँच ग्राम पंचायतों के लगभग 15 हजार लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नीर निर्मल योजना के अंतर्गत 4.98 करोड़ की लागत से बनी 800 किलो लीटर क्षमता वाला वाटर हेड टैंक धूल फांक रहा हैं।
कुदरहा ब्लॉक के छरदही में नीर निर्मल योजना के अंतर्गत पाइप लाइन पेयजल परियोजना संचालित हो रही थी। 800 किलो लीटर क्षमता वाले वाटर हेड टैंक से 29 किलो मीटर लम्बे पाइप लाइन के जरिए पाँच ग्राम पंचायत छरदही,जिभियाँव,कुदरहा, उजियानपुर और बैसियाकला के लगभग 15 हजार लोगों को पिछले दो वर्षों से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति ठप हैं। ऑपरेट राधे गोस्वामी का आरोप हैं किं प्रधान द्वारा मानदेय नही दिया जा रहा हैं। परियोजना हैंड ओवर होने से पहले छः हजार रूपया मानदेय मिलता था।लेकिन दो हजार बीस के बाद जब से ग्राम प्रधान को परियोजना हैंड ओवर हुआ हैं तब से ग्राम प्रधान द्वारा मानदेय नही दिया जा रहा हैं। स्टबलाइजर भी जल गया हैं।लेकिन उस का कोई जिम्मेदार नही हैं।इस लिए शुद्ध पानी की आपूर्ति नही हो रही हैं।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रमेश चौधरी ने बताया कि ग्राम सभा द्वारा ऑपरेटर को मानदेय देने का कोई प्राविधान नही हैं। उपभोक्ताओं द्वारा हर महीने 50 रुपया देना हैं। उसी पैसे से बिजली का बिल मेंटीनेंस और ऑपरेटर को मानदेय दिया जाना हैं।


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