बलिया: स्वास्थ्य विभाग से मिले मौत के आंकड़ों ने खोल दी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल
गज़ब हो गया हीट वेव, भीषण गर्मी को लेकर सीएमएस के बयान पर खबर चलाई गई कि 24 घण्टे में लगभग 25 लोगो की मौत हो गयी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कम मच गया। मामले ने तूल पकड़ा तो सीएमएस और सीएमओ ने पुनः बयान जारी कर अपने ही स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं का पोल खोल दिया। सीएमओ जयंत कुमार ने स्वतः बयान जारी कर मामले की जानकारी दी और कहा कि फेसबुक द्वारा इसकी जानकारी मिली है यानी सीएमओ को पता ही नही उनके कार्यकाल में चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल क्या है। सीएमओ साहब कहते है कि फेसबुक पर एक सूचना मिली की जिला अस्पताल में दो दिन में 34 मौत हुई है। आगे कहते है जानकारी लेने के बाद निष्कर्ष निकल कर आया है कि 15 जून को 23 और 16 तारीख को 11 मौते हुई है जो विभिन्न बीमारियों से ग्रसित थे जिनकी अस्पताल में इलाज और ट्रीटमेंट के दौरान मौत हो गई। उम्मीद है आप ने ध्यान से सुना होगा कि बलिया के सीएमओ ने क्या कहा। विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोगो का इलाज के दौरान मौत हुई और वो भी एक दिन में यानी 15 को 23 मौत और 16 को 11 मौत यानी चरमराई स्वास्थ्य की पोल ही खुल गयी। ये हम नही कह रहे अस्पताल के सीएमओ साहब कह रहे है। दो दिन में 34 लोगों की मौत स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गर्मी को लेकर की गई तैयारियों का पोल खोल रहा है यानी व्यवस्था ना होने के कारण इन 34 लोगों का उपचार ठीक से नहीं हो पाया नतीजा महज 2 दिनों में 34 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और किसी को नहीं बचाया जा सका जबकि करो ना काल में भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एक या 2 दिन में इतने मौत के आंकड़े कभी नहीं मिले थे। पूर्व में बलिया सांसद ने कहा था रेफर नहीं होगा तमाम मंत्री विधायकों ने कहा था रेफर नहीं होगा डीएम ने कहा था रेफर नहीं होगा ऐसा लगता है कि रैफर का केस रुका तो जिला अस्पताल मौत का केंद्र बन गया कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किया गया रिपोर्ट स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की धज्जियां उड़ाता नजर आ रहा है अगर मान भी लिया जाए कि इन लोगों की मौत गर्मी से नहीं गंभीर बीमारियों से हुई है तो फिर 15 जून को 23 और 16 जून को 11 मौतें किसी का भी होश उड़ा देगा। मामला भी यही नहीं था ना आज बलिया के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया दावा किया कि बलिया के जिला अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध है डॉक्टर मौके पर मौजूद है दवाएं भरपूर मात्रा में है यानी स्वास्थ्य विभाग के करतूत पर जिला प्रशासन पूरी तरह से पर्दा डालने में जुटा हुआ। 24 घंटे में 34 से मौतों के सवाल पर डीएम ने सफाई देते हुए कहा कि सीएमएस को पूर्ण विवरण देना चाहिए था कि उनकी मौत किस किस कारणों से हुई है तो इससे चेक क्लियर हो जाती सच तो यह है कि असर तो हिट स्टॉक का ही है और उसकी चपेट में कोई भी आ सकता है लेकिन हवाला अति गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों पर डाल दिया गया जो अब इस दुनिया में है ही नहीं। अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग सरकार की मंशा पर कितनी खरी उतरती है क्योंकि सच सबके सामने आ चुका है और यह सच स्वास्थ्य विभाग ने खुद जारी किया है।
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