Ballia News: मायावती के अकेले चुनाव लड़ने से एनडीए को फायदा ,विपक्ष होगा कमजोर
बलिया: एनडीए में शामिल होने के बाद ओमप्रकाश राजभर का शुरू पूरी तरह से बदल गया है। सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए मंदिरों को लेकर बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जब सत्ता में रहते हैं तो उन्हें मस्जिद और मंदिर याद नहीं आता लेकिन विपक्ष में आते ही हताशा और निराशा की वजह से ऐसे बयान देते रहते हैं। वही कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के ऐसे बयान सपा पार्टी और नेता के लिए खतरा है ।क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा को गर्त में लेकर जाना चाहते हैं ।वहीं विपक्ष के इंडिया को ईस्ट इंडिया कंपनी बताते हुए कहां की विपक्ष की एकता खुद को बचाए रखने की कवायद भर है। वहीं मायावती द्वारा 2024 में अकेले चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा कि इससे एनडीए को फायदा होगा जबकि विपक्ष कमजोर होगा।
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा मंदिरों को लेकर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य जब सत्ता में रहते हैं तब मंदिर के पहले क्या था और चौपाई पर चर्चा नहीं करते। सत्ता से बेदखल होने पर हताशा और निराशा के चलते इस तरीके के बयान देते हैं। वही स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा बद्रीनाथ को बौद्ध मठ बताने को लेकर कहां कि उनके इन बयानों से देश में कहीं उबाल नहीं है ।हां यह जरूर है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के दिल में उबाल है। स्वामी प्रसाद मौर्य जब पावर में रहते हैं तब सदन में इस तरीके के बयान नहीं देते ।विपक्ष में रहते हैं तो बाहर आकर ऐसे बयान देते रहते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा लगातार बयान दिए जाने पर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का लक्ष्य समाजवादी पार्टी को खत्म करना है ।पूरा देश आस्था से जुड़ा हुआ है ।आस्था के खिलाफ उनके बयान आ रहे हैं और सपा तिलमिला उठ रही है। सपा का हाल सांप छछूंदर का हो गया है ।सपा को यह समझ में नहीं आ रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को रखें या निकाले। स्वामी प्रसाद मौर्य सपा को गर्त की तरफ लेकर जा रहे हैं। जब तक वो गर्त में लेकर नही जाएंगे तब तक सपा नेता की आंख नहीं खुलेगी ।स्वामी प्रसाद के इस तरीके के बयान पार्टी और नेता के लिए खतरा है ।वही कहा कि चौपाई मामले में भी सपा में दो गोल हो गए थे।आधे लोग जब स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ जंग खोल दिये तो अखिलेश जी को आकर मोर्चा सम्हालना पड़ा था।
विपक्ष के इंडिया वाले नाम पर तंज कसते हुए कहा कि इसका असली नाम ईस्ट इंडिया कंपनी है ।पटना में बैठक हुई तो पहले पीडीए नाम रखा और जब बेंगलुरु में बैठक हुई तो नाम ईस्ट इंडिया कंपनी रखा ।जो पार्टी देश में सत्ता में रही हो और आज भी देश के कई प्रदेशों में उसकी सरकार हो ।उस पार्टी का बयान आया कि हमारी तरफ से प्रधानमंत्री का कोई चेहरा नहीं होगा । लगा कि अंगूर खट्टे हैं लिहाज़ा उस पार्टी को लगा कि विपक्ष के इस मोर्चे में प्रधानमंत्री की कुर्सी तो मिलेगी नहीं। वो लोग लोग मान चुके हैं विपक्ष में सिर्फ जिंदा रहे ,बस इसी बात के लिए लड़ रहे हैं ।वहीं विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो विपक्ष एक साथ खड़ा हुआ है ,उसमें कोई दम नहीं है ।विपक्ष अपनी जमानत बचाने में लगे। क्योंकि यहां नीतीश जी और ममता जी और केसीआर जी आकर वोट नहीं दिला सकते ।खेल खत्म हो गया है।
वहीं बसपा प्रमुख मायावती द्वारा 2024 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के फैसले पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मायावती के अकेले चुनाव लड़ने से एनडीए को फायदा होगा और विपक्ष कमजोर होगा। मायावती को छोड़कर विपक्ष ने गलती किया है तो सजा भी उन्हें ही मिलेगी ।इसका पूरा फायदा एनडीए को मिलेगा।
सीमा हैदर और अंजू की प्रेम कहानी पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि समरथ को नहीं दास गोसाई। मजबूत लोग कोई काम करते हैं तो उस पर कोई चर्चा नहीं होती लेकिन वही काम जब कोई गरीब करता है तो हर कोई चर्चा करता है। इतिहास उठा कर देखिए अच्छे-अच्छे सामर्थ्य वान लो वही काम करते हैं तो कोई सवाल नहीं खड़ा करता लेकिन कोई कमजोर करता है तो उस पर सवाल उठ रहा है। वही अंजू के फातिमा बनने को लेकर उनके पिता द्वारा दिए गए बयानों पर कहा कि यहां कितने फातिमा बने हैं उस पर तो वह नहीं रोए।
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