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बलिया: फाइलेरिया के प्रसार का स्तर जानने के लिए हुआ नाइट ब्लड सर्वे



●बसंतपुर गांव में 125 लोगों का लिया सैंपल
●18 फाइलेरिया रोगियों को दी गई एमएमडीपी किट
●सहयोगी संस्थाओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका 
बलिया, 28 जुलाई 2023 
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गुरुवार को हनुमानगंज ब्लॉक के बसन्तपुर ग्राम में एक दिवसीय नाइट ब्लड सर्वे में 125 लोगों के सैंपल लिया । सर्वे में आए 18 फाइलेरिया रोगियों को रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी ) के बारे में  प्रशिक्षण देकर एमएमडीपी किट प्रदान की गई।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने प्रशिक्षण में बताया कि फाइलेरिया के मरीजों को प्रभावित अंग की  अच्छी तरह से साफ-सफाई  रखनी चाहिए, जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज  प्रभावित न हो। फाइलेरिया रोग से बचने के लिए एमडीए अभियान के दौरान दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन कराया जायेगा । गर्भवती व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं खानी है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। नाइट ब्लड सर्वे में सहयोगी संस्थाओं ने सैंपल देने के लिए लोगों को एकत्रित करवाने में विशेष योगदान दिया।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया के परजीवी यानि माइक्रोफाइलेरिया रात में ही सक्रिय होते हैं। इसलिए नाइट ब्लड सर्वे के लिए बनी टीम लोगों के ब्लड का सैंपल रात में लेती है। उन्होंने बताया कि सर्वे में आए पांच साल से अधिक आयु के सभी लोगो का सैंपल लिया गया । सैंपल लेकर रक्त पट्टिका बनाईं गईं हैं। इनसे परजीवी होने या न होने की पुष्टि की जाएगी। इस सर्वे का उद्देश्य फाइलेरिया रोगी मिलने पर उसका तत्काल उपचार शुरू कर जिले में फाइलेरिया के प्रसार को रोकना है। उन्होंने बताया कि इसके लिए आशा संगिनी और आशा कार्यकर्ताओं के जरिये नाइट ब्लड सर्वे कराने के लिए जांच स्थान पर आने के लिए प्रचार-प्रसार किया गया था। इसी क्रम में 125 लोगों ने अपनी जांच कराई आशा संगिनी पूनम पाण्डेय,आशा कार्यकर्ता उषा सिंह,रिंकी सिंह,श्वेता सिंह,जया सिंह, कामिनी सिंह, किरण सिंह, लक्ष्मी सिंह ने लोगों के पंजीकरण में सहयोग किया।
 *फाइलेरिया को जानें  -* 
 जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है। इसे सामान्यतः हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन की समस्या आती है।
 जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जनपद में फाइलेरिया के 4859 मरीज हैं। इसमें हाइड्रोसील के 654 और लिम्फोडीमा के 4205 मरीज हैं। हाइड्रोसील के 654 मरीजों में से 131 मरीजों का सफल ऑपरेशन हो चुका है। 4205 लिम्फोडीमा के मरीजों में से 2387 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2023 से अब तक नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 2797 व्यक्तियों की जांच की गई जिसमें अब तक 36 माइक्रोफाइलेरिया धनात्मक पाए गए, जिनको उपचारित कर दिया गया। 
 *लक्षण : -* 
1. कई दिन तक रुक-रुक कर बुखार आना।
2. शरीर में दर्द एवं लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन।
3. हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पांव) एवं पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील)।
4. महिलाओं के ब्रेस्ट में सूजन, पहले दिन में पैरों में सूजन रहती है और रात में आराम करने पर कम हो जाती है।
5. संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण पांच से 15 साल तक में दिख सकते हैं।
 *बचाव: -* 
1. लक्षण दिखने  पर समय से जांच कराकर इलाज शुरू कर दें।
2. फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन पांच वर्ष तक हर साल एक बार कर के बचा जा सकता है।
3. फाइलेरिया के मच्छर गंदी जगह पर पनपते हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव करें।
4. साफ़-सफाई रखकर मच्छर से बचने के लिए पूरे आस्तीन के कपड़े पहनें।
5. रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
 नाइट ब्लड सर्वे में फाइलेरिया इंस्पेक्टर ओम प्रकाश पाण्डेय, शिव शंकर सिंह वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन, मनु कुमार क्षेत्र सेवक, पाथ संस्था के जिला समन्वयक नितेश कुमार ने सहयोग किया।
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