Basti News: कुदरहा विकास क्षेत्र में बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है रक्षाबंधन
कुदरहा,बस्ती अज़मत अली: कुदरहा विकास क्षेत्र में भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। बहने सुबह से ही राखी और मिठाई अपने भाइयों के लिए खरीद रही है। कुदरहा, नगर पंचायत गायघाट, लालगंज, बैडारी बाजार में सुबह से ही राखी खरीदने के लिए भीड़ लगी हुई है।
ज्योतिषियों के मुताबिक, रक्षाबंधन इस बार 30 अगस्त और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा। आज के दिन बहनें अपनी भाई की कलाई में राखी बांधती हैं और भाइयों की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। रक्षाबंधन का यह त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। हालांकि राखी के पूजन की जानकारी सभी को होती हैं। लेकिन, रक्षाबंधन की थाली बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिससे भाई की आरती उतारी जाती है और टीका भी किया जाता है।
राखी की थाली को बहुत शुभ माना जाता है। सनातन धर्म पूजा की थाली का विशेष महत्व है। इसलिए चलिए जानते हैं कि रक्षाबंधन की थाली में क्या क्या सामग्री होनी चाहिए और पूजा करते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए।
राखी की थाली और सामाग्री
राखी की थाली में रोली, हल्दी, अक्षत, घी दीपक, श्रीफल, फूल, रक्षासूत्र और मिठाई का होना अत्यंत आवश्यक माना जाता है। इन चीजों को लेकर पूजा करना बहुत ही अच्छा माना जाता है राखी बांधने से पहले राखी की थाली सजाई जाती है। इस थाली को भी पूजा की थाली की तरह सजाया जाता है। बहनों को अपनी राखी की थाली में इन जरूरी सामग्रियों से पूजा बहुत शुभ होती है। पूजा की थाली में रोली से स्वास्तिक या अष्ट लक्ष्मी का चिन्ह बनाना शुभ होता है। इसके बाद उसमें एक लाल रंग का कपड़ा भी बिछा लेना चाहिए और फिर इन सामग्रियों को उस थाली में रख लेना चाहिए। उस थाली में राखी, तिलक के लिए कुमकुम और अक्षत (याद रखें कि अक्षत यानी चावल टूटा हुआ ना हो) नारियल, मिठाई, सिर पर रखने के लिए छोटा सा रुमाल, आरती के लिए दीपक होना चाहिए।
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