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पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते सरयू नदी उफान पर

 






बाढ़ का सायरन बजते ही नदी समीप गांवो में बना दहशत का माहौल। 


कुड़वा के बुद्धूपुरवा, खैनिहागौढ़ीएंव मौजीपुरवा में घरो में भरा पानी।


मौजीपुरवा कुड़वा मुख्यमार्ग पर पानी के तेज बहाव से प्रभावित हो गया आवागमन।




     



मिहींपुरवा/बहराइच-  पिछले 12 घंटे से तराई क्षेत्र में हो रही भारी बारिश किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है।  कल से ही खेतों में पानी भरना शुरु हो गया था जिससे फसल को काफी नुकसान हो रहा है । इसी के साथ नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में भी भारी बारिश होने ले कारण नेपाल से छोड़े गए पानी से यहां के नदियों का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। रविवार को रात 11 बजे गोपिया बैराज पर बाढ़ का सायरन बजने के बाद से नदि किनारे गांवो में दहशत का माहौल बन गया।  सरयू नदी का तेज बहाव ग्रामीणो के लिये मुसीबत बना रहा। गोपिया बैराज पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान 133.50 के भी ऊपर निकल गया। 

सोमवार की सुबह के समय नदी का जलस्तर 133.65 मापा गया। नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के कई गांव में पानी भरना शुरू हो गया। मिहींपुरवा ब्लाक में कई गांव सरयू नदी के बहाव से प्रभावित हुये कुड़वा मजरे के खेनिहगौढ़ी, बुद्धू पुरवा एवं मौजीपुरवा गांव में पानी भर गया जिससे ग्रामीणो के घरो में रखा समान अस्त वयस्त हो गया। इसी के साथ मौजी पुरवा पुरवा मुख्य मार्ग पर पानी का तेज बहाव भी चलने लगा जिससे मार्ग पर आवागमन खासा प्रभावित रहा।

 नदी  के जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में चिंता व्याप्त हो गयी थी किंतु शाम करीब 3 बजे के बाद से सरयू नदी का जलस्तर स्वतः घटने लगा। जलस्तर के घटने से गांव में भरा पानी घरो से हट गया जिससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।

बैराज पर कार्यरत सिचाई विभाग के कर्मचारी करन सिंह ने बताया कि शाम तक नदी का जलस्तर काफी घट गया था नदि के जलस्तर घटने से बाढ़ का खतरा भी घट गया है। शाम करीब 6 बजे सरयू नदी का जलस्तर 133.05 है जो खतरे के निशान से काफी कम है। 





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