Ballia News: 16 राशियों पर चन्द्र ग्रहण का असर, बन्द हुए मन्दिरों के कपाट
बलिया: चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पूर्व सूतक काल की शुरुआत होने के साथ ही बलिया में सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। कपाट बंद करने के पूर्व पुजारी ने भगवान की पूजा अर्चना की और उसी के साथ मंदिरों के कपाट भी ग्रहण के मोक्ष काल तक के लिए बंद हो गए। मंदिर के पुजारी भी बताते हैं की सूतक काल एवं ग्रहण काल के दौरान मंदिरों में भगवान की पूजा नहीं की जाती। वहीं भक्तों का कहना है की चंद्र ग्रहण और सूतक काल के दौरान घरों में भगवान का स्मरण वंदन एवं मंत्र जाप किया जाता है ।साथ ही ग्रहण काल समाप्त होने के बाद स्नान कर दान पुण्य भी किया जाता है।बलिया:गायत्री शक्तिपीठ महावीर घाट के पंडित जी ने बताया कि चंद्रग्रहण सिर्फ और सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण घटना है। साल का अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण रहता है ऐसे में इस दिन ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण का असर सभी राशियों पर दिखाई देने वाला है।चंद्र-ग्रहण का समय:चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023, शनिवार देर रात 1 बजकर 5 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 18 मिनट का रहेगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य होगा। चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पूर्व से शुरु हो जाता है अतः भारतीय समय अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रबिम्ब दक्षिण की तरफ से ग्रस्त होगा। चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान आपको किसी प्रकार का मांगलिक कार्य, स्नान, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस समय आप अपने गुरु मंत्र, भगवान नाम जप, श्रीहनुमान चालीसा कर सकते हैं।
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