Ballia News: सीसीआई डिजिटल लाइब्रेरी एंड आईटी सेंटर का हुआ भव्य उद्घाटन
बलिया: बलिया कोतवाली क्षेत्र संकट मोचन कॉलोनी निकट रोडवेज स्थित सीसीआई डिजिटल लाइब्रेरी एंड आईटी सेंटर का भव्य उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के चीफ राक्टर डॉ. अरविंद नेत्र पांडे और वाणिज्य विभाग हेड जेएनसीयू डॉ. अशोक श्रीवास्तव ने फीता काट कर किया। सीसीआई डिजिटल लाइब्रेरी एंड आईटी सेंटर की प्रबंधक मंजू पांडेय ने बताया कि आज लाइब्रेरी का उद्घाटन हुआ है। जो उन सभी बच्चों के लिए बेहतर और लाभकारी है जो बच्चे शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। बच्चे ऑनलाइन क्लास बड़े ही सुदृढ़ व्यवस्था के साथ संपन्न करेंगे साथ ही कई सुविधा बच्चों को पढ़ाई संपन्न करने के लिए दी जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण वातावरण होगा जो पढ़ाई के लिए बेहतर है। बच्चों को केवल ₹200 में तीन घंटा पढ़ाई करने की सुविधा मिलेगी। सुविधा की बात करें तो जैसे 200 एमबीपीएस का हाई स्पीड नेट शांत वातावरण, मोबाइल चार्जिंग और लाइट इत्यादि। सुबह 6:00 से रात 9:00 बजे तक यह लाइब्रेरी चालू रहेगी वर्तमान में उद्घाटन के दौरान बच्चों के लिए 70 सेट मौजूद है। डॉ. अरविंद नेत्र पांडेय ने आगे बताया कि पिछले सैकड़ों वर्षों से पढ़ाई केवल शिक्षकों और क्लासरूम तक ही सीमित मानी जा रही है, जहां पर किताबों को अधिक महत्व दिया जाता है। लेकिन बदलते वक्त और तकनीक के साथ शिक्षण पद्धति में एक बड़ा बदलाव आया है। ऑनलाइन कक्षाओं ने पारंपरिक संस्थानों की जगह ले ली है। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण ऑनलाइन कक्षाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। ऑनलाइन शिक्षा का चलन इतना बढ़ गया है कि लॉकडाउन के दौरान छात्रों की पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी ऑनलाइन क्लास पर ही आ गई थी। हालांकि, ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को लेकर आज के समय में माता-पिता थोड़े चिंतित हैं।
-महंगी नहीं होती ऑनलाइन कक्षाएं:
पारंपरिक शिक्षा पद्धति आपकी जेब पर अत्याधिक भार डालती है। एक अभिभावक के रूप में स्कूल की फीस, अतरिक्त कोचिंग क्लास की फीस और किताबों का ढ़ेर, जिसकी आपके बच्चे को एक साल में जरूरत नहीं होगी, उनके लिए भी आपको भुगतान करना पड़ता है। वहीं, दूसरी ओर ऑनलाइन कक्षाएं सस्ती होती हैं। क्योंकि, अध्ययन की अधिकांश सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती है।
-विषय के बारे में मिलती है अधिक जानकारी:
इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन कक्षाओं में नामांकन करने से बच्चे दुनिया भर के किसी भी शिक्षक और छात्र से बातचीत कर सकते हैं। इस तरह की बातचीत स्वस्थ और सार्थक सहयोग के लिए बच्चों का मार्ग प्रशस्त करती है। ऑनलाइन कक्षाओं में बच्चे अलग-अलग बैकग्राउंड से संबंध रखने वाले लोगों के साथ जुड़ सकते हैं। इस मौके पर टीडी कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर मनोज कुमार के साथ तमाम सम्मानित जन्म मौजूद रहे।
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