Ballia: गोपनीय तरीके से नियुक्ति पत्र देने की तैयारी में बेसिक शिक्षा विभाग, खड़े हुए कई सवाल
गोपनीय तरीके से बेसिक शिक्षा विभाग नियुक्ति पत्र देने की तैयारी में, खड़े हुए कई सवाल
बलिया के बेसिक विभाग से जुड़ा एक अजीबो गरीब मामला सूत्रों के हवाले से सामने आया है। 8 जनवरी को बेसिक विभाग में बड़ी संख्या में 12460 सहायक शिक्षक भर्ती की नियुक्ति पत्र लेने के लिए सैकड़ो की संख्या में अभ्यार्थियों की भीड़ जुटी रही जो देर रात तक रहा। इस भीड़ में प्रदेश के कोने-केने से आये अभ्यार्थि शामिल दिखे जिसमे महिलाएं और युवतियां भी शामिल है कुछ महिलाएं तो दूध मुहे बच्चे को गोद मे लेकर इधर से उधर भटकती नज़र आई। मिली जानकारी के मुतबिक 8 जनवरी को बेसिक शिक्षा विभाग बलिया में खड़े इन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नही मिला। इसी बीच कुछ अन्य लोगों ने डीएम और बीएसए को एक पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा इस नियुक्ति पत्र को नही देने की मांग किया। जिनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी इस नियुक्ति से जुड़ा आदेश दिया है कहा आदेश में कोर्ट ने पूर्व की भांति यथा स्थिति में नियुक्ति को रखने का आदेश दिया है यदि यह नियुक्त पत्र दिया गया तो ये गलत होगा। बीएसए विभाग में नियुक्ति पत्र लेने पहुंचे अभ्यर्थियों के बीच नारेबाजी भी की गई जिसके बाद हड़कंप मच गया सायद इसकी सूचना उच्च अधिकारियों तक भी पहुंची होगी। आज 9 जनवरी को देर शाम बलिया के जिला कलेक्ट्रेट परिसर और विकास भवन के पास 12460 सहायक भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों की भीड़ देखने को मिला। इस भीड़ को देखने के बाद ये साफ हो गया कि 8 जनवरी को इन्हें नियुक्ति पत्र बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा नही वितरण किया गया है। सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी हुई कि अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र देने के लिए अलग-अलग जगहों पर बुलाया गया है और गोपनीय तरीके से इन अभ्यार्थियों को देर रात तक या सुबह तक *बैक डेट* पर नियुक्ति पत्र दिए जाने की तैयारी सम्बंधित विभाग के द्वारा किया जा रहा है। अब अगर ऐसा सही पाया जाता है तो फिर सवाल ये खड़ा होता है कि जो सरकार खुलेआम बड़े-बड़े आयोजन के बीच अन्य नियुक्ति पत्र वितरण करने में कोई कुरेज नही करती। नियुक्ति पत्र सबके सामने देती है पारदर्शिता की बात करती है और नौकरी या रोजगार देने का दावा करती है उसी सरकार में 12460 सहायक अध्यापक के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के लिए सामने क्यों नही आ रही। बीते दो दिन से नियुक्ति पत्र लेने वालों की भीड़ विभाग का चक्कर क्यों काट रहे है जबकि सरकार के जन प्रतिनिधियों को सामने आकर इन नियुक्ति पत्रों का वितरण कर सबको बताना चाहिए कि हमने अपना वादा निभाया। आखिर इन अभ्यार्थियों को दर-दर क्यों भटकना पड़ रहा है? क्या इसमे कोई राज छुपा है या फिर कुछ और। बलिया का बेसिक शिक्षा विभाग दूध का धुला नही है इस विभाग में भी भ्रष्टाचार कूट-कूट कर भरा है जिसका जीता जागता उदाहर देवरिया में बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों का खुलासा गवाह है बलिया में भी पूर्व में फर्जी शिक्षकों से जुड़ा मामला सामने आ चुका है इसके अलावा अन्य भ्रष्टाचार से जुड़े मामले सुर्खियों में रहे है। अगर वर्तमान सरकार में सब कुछ पारदर्शी है तो सूत्रों के हवाले से आ रही खबर कि बेसिक शिक्षा विभाग *बैक डेट* में अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र देगा ये कितना सही है। जब नियुक्ति पत्र देना है और सब कुछ पारदर्शी है तो फिर लगभग 48 घण्टे या उससे अधिक समय से इन सैकडों अभ्यार्थियों को दर-दर क्यों भटकना पड़ रहा है कही सुप्रीम कोर्ट का आदेश तो बीच मे नही आ गया। अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नियुक्ति पत्र देने में रुकावट है तो फिर बैक डेट में कैसे संभव है ऐसे कई सवाल खड़े होते है।
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