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हनुमान गढी सम्मय माता मन्दिर पर चल रहे नौ दिवसीय संगीतमयी राम कथा के पाँचवे दिन कथा वाचक गिरजेश दास जी महाराज पोखरा सरकार ने सुनाई भगवान श्रीराम के जन्म की कथा



बस्ती: नगर थाना क्षेत्र के कप्तानगंज ब्लाक स्थित ग्राम सभा कठार जंगल मे हनुमान गढी सम्मय माता मन्दिर पर चल रहे नौ दिवसीय संगीतमयी राम कथा के पाँचवे दिन कथा वाचक गिरजेश दास जी महाराज पोखरा सरकार ने भगवान श्रीराम के जन्म के बारे में वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के जन्म की कथा एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा है जो हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह कथा भगवान श्रीराम के जन्म, उनके बचपन और उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाती है।

कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में राजा दशरथ और उनकी पत्नी कौशल्या के घर में हुआ था। राजा दशरथ एक धर्मपरायण और न्यायप्रिय राजा थे जिन्होंने अपने राज्य में सुख और समृद्धि की स्थापना की थी।


राजा दशरथ की तीन पत्नियाँ थीं कौशल्या, सुमित्रा, कैकेयी इनमें से कौशल्या सबसे बड़ी पत्नी थीं और उन्हें भगवान श्रीराम के जन्म का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।

भगवान श्रीराम के जन्म के समय, अयोध्या में एक बड़ा उत्सव मनाया गया था। राजा दशरथ ने अपने राज्य में सुख और समृद्धि की स्थापना के लिए एक बड़ा यज्ञ किया था, जिसमें उन्होंने भगवान विष्णु की पूजा की थी।

भगवान विष्णु ने राजा दशरथ की पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें एक वरदान दिया था कि वे उनके तीनों पत्नियों को पुत्र की प्राप्ति होगी। भगवान विष्णु ने आगे बताया कि उनका सबसे बड़ा पुत्र भगवान श्रीराम होगा, जो उनके अवतार के रूप में जन्म लेंगे।

भगवान श्रीराम के जन्म के बाद, राजा दशरथ ने अपने पुत्रों का पालन-पोषण किया और उन्हें सभी प्रकार की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान किया। भगवान श्रीराम ने अपने भाइयों के साथ मिलकर अपने पिता के राज्य में सुख और समृद्धि की स्थापना की।

कथा वाचक गिरजेश दास जी महाराज 

ने कहा कि भगवान श्रीराम के जन्म की कथा हमें भगवान विष्णु की महिमा को दर्शाती है और यह बताती है कि भगवान विष्णु कैसे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें संकट से बचाते हैं। यह कथा हमें भगवान श्रीराम के जीवन और उनके चरित्र के बारे में भी बताती है।

इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य यजमान विष्णु दत्त मिश्रा एवं उनकी धर्म पत्नी शुशीला , चंचल शर्मा , रजनीश विश्वकर्मा , मोनू गौड , धर्मेन्दर सिंह , खुर्री सिंह , देवेन्दर सिंह , सतीराम मिश्रा , अवधेश मिश्रा विकास ,सुशील ,दीनानाथ ,श्यामा , ऊषा गौरी पूजा नीतू सुशीला कीर्ति दीपिका आदि भारी मात्रा में श्रद्धालु गण उपस्थित रहे ।

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