लखनऊ का नाम लक्षमण पुरी किए जाने के समर्थन में दिखे सुभाषपा के राष्ट्रीय प्रमुख सचिव अरविंद राजभर
बस्ती: पहुंचे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख सचिव अरविंद राजभर ने लखनऊ का नाम बदलकर लखनपुरी किए जाने का समर्थन किया है। अरविंद राजभर ने कहा कि मुगलों ने अपने मनमाफिक अपने हिसाब से शहरों के नाम बदल दिए, नाम बदलने की शुरुआत 2017 से चल रही है मुझे खुशी इस बात की होगी कि यदि भारतीय जनता पार्टी लखनऊ का नाम लखनपुरी कर रही है तो गाजीपुर का नाम विश्वामित्र नगर व बहराइच का का नाम भारतीय सुहेलदेव राजभर नगर करें।
अरविंद राज ने ब्राह्मणों पर मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें यह बात पहले समझ में आ जानी चाहिए थी यह शिक्षा जन जागरण की देन है कि मोहन भागवत जैसे बड़े व्यक्ति को यह कहने के लिए विवश होना पड़ा है अरविंद राजभर ने कहा कि यह ओमप्रकाश राजभर जी की देन है जो लगातार वंचित और पिछड़ी जातियों के नामों को गिना रहे थे।
अखिलेश यादव के शुद्र वाले बयान के सवाल पर अरविंद राजभर ने कहा कि शायद अखिलेश यादव का नाम अखिलेश सिंह यादव है यह बात बोलने से पहले उन्हें खुद समझना चाहिए कि अगर आप शुद्र हैं तो नाम तुरंत बदल दीजिए बीजेपी तो तैयार है नाम को स्वीकार करने के लिए, वह खुद ही नाम बदलने की योजना बना रखी है हम लोग भी बना रखे हैं। अखिलेश यादव जी अपने नाम के आगे अखिलेश शुद्र लिख ले या फिर जाती लिखना बंद कर दें। वह क्यों कहते हैं कि मैं यादव हूं कि मुझे यादव होने पर गर्व है फिर फिर शूद्र की बात क्यों करते हैं शुद्र में बहुत सारी जाति आती हैं। अखिलेश यादव जी बात बोलने से पहले अपने नाम के पहले सिंह यादव हटा दें। अखिलेश यादव पहले यह प्रमाण दे कि वह शुद्र है कि नहीं देश आजाद हो गया है। बच्चे पढ़ लिखकर होनहार हैं उन्हें शुद्र, ब्राह्मण, क्षत्रिय से नहीं मतलब है उन्हें रोजी रोजगार और शिक्षा से मतलब है सुरक्षा से मतलब है। स्वामी प्रसाद मौर्या जी पता नहीं किधर डाइवर्ट कर रहे हैं अखिलेश यादव समझ नहीं पा रहे हैं।
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