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माता, पिता की सेवा से मिलता है मोक्ष- करपात्री जी महाराज


 


बस्ती।  गौर विकास खण्ड  के ढोढरी गांव में चल रहे  श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या से पधारे विश्व विख्यात संत करपात्री जी महाराज जियर स्वामी ने कहा, राम कथा एवं एवं भागवत कथा तथा अन्य पुराण आपको मोक्ष दिलाने की गारंटी नहीं लेता है। लेकिन अगर आप अपने माता- पिता की सेवा एवं सम्मान करते हैं तो पुराणों लिखा है कि आपको मोक्ष मिलेगा। ‘चार पदारथ करतल ताके। जे पितु- मातु प्राण सम जाते।।’ जो भी माता पिता को प्राण के समान अपने माता पिता को मानता है। अर्थ, धर्म, काम ,मोक्ष देने के लिए परमात्मा खुद उसके सामने आते हैं। राम कथा राष्ट्र के कल्याण के लिए है।
महात्मा जी ने कहा कि जो लोग माता पिता की बात नहीं मानते, समाज को कष्ट देते हैं ऐसे सभी लोग धुंधकारी है। कहा कि बिना ईश्वर के संसार अपूर्ण है। परमात्मा श्रीकृष्ण परिपूर्ण आनन्द स्वरूप है। भागवत शास्त्र का आदर्श दिव्य है। गोपियों ने घर नहीं छोड़ा, स्वधर्म का त्याग नहीं किया फिर भी वे श्रीभगवान को प्राप्त करने में सफल रहीं। महात्मा जी ने कहा कि दुःख में जो साथ दे वह ईश्वर और सुख में साथ देना वाला जीव है। श्रीकृष्ण की वन्दना से पाप जलते हैं। ज्ञान और वैराग्य का विश्लेषण करते हुये महात्मा जी ने कहा कि सात दिन के भीतर परीक्षित को मुक्ति मिली। निश्चित था कि ठीक सातवे दिन उनका काल आने वाला है किन्तु हम काल को भूल जाते हैं। वक्ता शुकदेव जी जैसा अवधूत और श्रोता परीक्षित जैसा अधिकारी हो तो मुक्ति मिल जाती है।
व्यास पीठ से कथा को विस्तार देते हुये करपात्री जी महाराज ने कहा कि, भारत की बेटियों के सम्मान को राष्ट्र का सम्मान समझे। यहां की हर बेटी सीता व राधा तथा मरियम है यहां पर हर बेटी का सम्मान किया जाता है। जिसका मन और सम्मान न करने वाले को हिंदुस्तान में रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने पंडाल में मौजूद लोगों के बीच कृष्ण के परम धर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा, एक बेटी की रक्षा के लिए 100 कौरवों के बीच में अपना परम धर्म एवं पराक्रम दिखा कर द्रोपदी की रक्षा की। वही कृष्ण और सुदामा की मित्रता का भी करपात्री जी महाराज ने वर्णन किया।
मुख्य यजमान शशिकान्त पाण्डेय, श्रीमती सुनीता पाण्डेय, रमाकान्त पाण्डेय, श्रीमती मीना पाण्डेय ने विधि विधान से व्यास पीठ का पूजन किया।
पिता रामचन्द्र पाण्डेय, माता श्रीमती कृष्ण लली पाण्डेय की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में महंत वीरेंद्र दास, बिंदु यादव, दुर्गेश कुमार पाण्डेय, शुभम, शैलेश, अशोक कुमार के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। 
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