बलिया: मौत का सिलसिला जारी, चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था की तस्वीरें कैमरे में कैद
बलिया के जिला अस्पताल में 72 घण्टे में 54 मौत के बाद भी अपनो को खोने का सिलसिला लगातार जारी है। जांच टीम की रिपोर्ट भले ही न हाई हो और भले ही हिटवेव स्ट्रोक कारण न मान रहा है। इसमें कोई दो राय नही कि 50 से अधिक उम्र के लोगों की ज्यादा मौते हो रही है लेकिन एक-एक दिन भीषण गर्मी का प्रकोप लोगो के लिए काल बन गया है जो कहर बन कर बरस रहा है। देर रात जिला अस्पताल से ली गयी ये तस्वीरें सरकारी आकड़े में दर्ज 72 घण्टे में 54 मौतों के बाद का है। तस्वीरे बता रही है कि योगी सरकार में खास उस बलिया चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल क्या है क्योंकि मेडिकल कालेज का बनना अभी भी राम भरोसे है। जिला अस्पताल से ली गयी जरा इन तस्वीरों को देखिए ताजा तस्वीरें देर शाम से रात की । अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का हाल कोरोना काल से भी ज्यादा भयावह देखने को मिला तीमारदारों द्वारा अपनो के इलाज के लिए लाने और अपनों का शव ले जाने का सिलसिला जारी रहा। महज़ दो या तीन डॉक्टर और चन्द कर्मचारियों पर पूरे वार्ड का बोझ साफ देखा गया। इमरजेंसी का बेड हो या इमरजेंसी की गैलरी चारो तरफ मरीज़ो और तीमारदारों की तस्वीरें किसी को भी डरा सकती है। बेड खाली न होने और डॉक्टरों के अभाव में मरीज फर्स पर लेटे नज़र आये कोई सांसे गिनता नज़र आया। इमरजेंसी वार्ड निचले और ऊपर के सभी वार्डो में लगे बेड मरीज़ो से भरा दिखा। अपनो का इलाज कराने आये तीमारदार इधर से उधर भटकता नज़र आया, कुछ तिमारदत अपनो का शव ले जाने का इंतेजार करते दिखे, शव वाहन का पता नही लेकिन चादर में लपेट कर शव टेम्पू रिक्शा से ले जाते दिखे। इस भीषण गर्मी के बीच अस्पताल में व्यवस्थाओं की बात करे तो पूरी तरह से ध्वस्त दिखा तीमारदारों का मानो दिमाग काम करना बंद कर दिया हो। दिखिये जरा फर्श पर कुछ लाशें रखी है और तीमारदार ले जाने का इन्तेजार कर रहा वही कुछ मरीज फर्श पर मानो अपनी सांसे गिन रहा हो और परिजन किसी डॉक्टर का इन्तेजार करते दिखा। इन सबके बीच जिला अस्पताल में चिकित्सकों और कर्मचारियों की कमी साफ तौर पर देखने को मिला। आगे क्या होगा यह किसी को नहीं पता लेकिन इस सच को नहीं छुपाया जा सकता बलिया का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से भीषण गर्मी को लेकर फेल दिखा।
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