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Basti News: भगवान श्री राम व सीता का विवाह प्रसंग सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रोता



बस्ती: नगर थाना क्षेत्र के कप्तानगंज ब्लाक स्थित ग्राम सभा कठार जंगल सम्मय माता हनुमान गढी मन्दिर पर चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव के सप्तम दिवस में मानस के रसिक प्रवक्ता महन्थ गिरजेश दास जी महाराज पोखरा सरकार ने बताया सीता स्वयंवर रामायण की एक महत्वपूर्ण घटना है, जो भगवान राम और सीता के विवाह की नींव रखती है। मिथिला नरेश जनक की पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया गया। इस स्वयंवर में एक शर्त रखी गई थी कि जो भी राजकुमार या योद्धा शिव धनुष (पिनाक) को उठाकर उसकी प्रत्यंचा चढ़ाएगा, वही सीता का पति बनेगा। यह धनुष अत्यंत भारी और शक्तिशाली था, जिसे उठाना सामान्य मनुष्य के लिए असंभव था।


स्वयंवर में कई राजा-महाराजा और शक्तिशाली योद्धा शामिल हुए, जिनमें रावण भी था। एक-एक करके सभी ने धनुष उठाने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी सफल नहीं हुआ। अंत में, ऋषि विश्वामित्र के साथ आए अयोध्या के राजकुमार राम ने धनुष को न केवल उठाया, बल्कि उसकी प्रत्यंचा चढ़ाने के प्रयास में उसे तोड़ दिया। यह देखकर सभी आश्चर्यचकित रह गए। जनक ने प्रसन्न होकर राम को सीता का पति स्वीकार किया।


इसके बाद, राम और सीता का विवाह भव्य समारोह के साथ संपन्न हुआ। यह स्वयंवर न केवल राम और सीता के मिलन का प्रतीक है, बल्कि धर्म, शक्ति और प्रेम का भी उदाहरण है। सीता स्वयंवर की कथा भारतीय संस्कृति में आज भी प्रेरणा देती है, जो मर्यादा पुरुषोत्तम राम के चरित्र को उजागर करती है। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य यजमान विष्णु दत्त मिश्रा एवं उनकी धर्म पत्नी शुशीला अनिल यादव , सोनू मिश्रा , अवध नारायण सिंह , अमित मिश्रा , बीरेन्द्र यादव , राम शब्द यादव , सुनील यादव , सीमा , स्वैता , रानी , पूजा , आरती आदि भारी मात्रा में श्रद्धालु उपस्थित रहे ।

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