श्रृष्टि की रचना नारी के बगैर है अधूरा- कुलदीप पाण्डेय
महमूद आलम
गोरखपुर/ राष्ट्रीय सामाजिक संगठन युवा जनकल्याण समिति के प्रमुख व राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा समाजसेवी कुलदीप पाण्डेय ने चैत्र राम नवमी के पावन पर्व संगठन कार्यालय व अपने आवास राजेंद्र नगर पश्चिमी गोकुलधाम में कन्या पूजन व प्रसाद ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किये.
संगठन प्रमुख कुलदीप पाण्डेय ने सपरिवार कल्याण, जनकल्याण तथा समाजकल्याण हेतु नवरात्रि के नौ दिन व्रत रहते हुए नौ देवियों कि आराधना किये तथा नवरात्रि समापन के नवमी तिथि मे विधि-विधान पूर्वक माँ के नव स्वरुपों कि पूजन अर्चन कर जनकल्याणा हेतु हवन किये.नौ देवी स्वरुप कन्याओं व भैरव जी का पाव धूलकर अच्छत,दही,चन्दन व पुष्प से तिलक चंदन लगाकर प्रणाम किये तथा आसन पर विराजमान कराये.
इसी क्रम मे नौ कन्याओं को चुंनरी व भैरव जी को माँ दूर्गा लिखित वस्त्र भेट किये तथा देवी कन्याओं को चना,हलवा तथा पूड़ी से बने प्रसाद ग्रहण कराये. प्रसाद ग्रहण के पश्चात कुलदीप पाण्डेय ने फल,मिठा तथा मुद्रा का विदाई स्वरुप भेट दिये.साथ ही युवा समाजसेवी कुलदीप पाण्डेय ने सामाजिक दृष्टिकोण से कन्याओं के शिक्षा बढ़ावा हेतु तथा जनमानस मे चेतना स्वरुप पठन-पाठन सामग्री आदि का भेट किये.
कुलदीप पाण्डेय ने कहा कि आस्था के साथ-साथ सामाजिकता का होना अति आवश्यक है,जिसके कृतियों व सामाजिक जागरुकता से समाज मे परिवर्तन कि एक अलख जग सके.समाज मे बेटो के समान ही बेटियों का दर्जा होना समाज के लिए कुशल है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के उद्देश्य को साकार करने हेतु बेटियों को शिक्षित करना समाज के जागरुक अभिभावको का कर्तव्य होना चाहिए क्योकि नारी का सम्मान सबका सम्मान होता है.विगत दशको से हम देखते चले आ रहे है कि नारी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है.
नारी त्याग व बलिदान कि मूरत होती है,श्रृष्टि कि रचना नारी के बगैर अधूरा है,नारी समाज मे कभी माँ,बहन,बेटी,बहू आदि रुपों मे परिवार व समाज को एकजूट करके रखती है तो समय आने पर पुरुषों के समान अपना योगदान देती हैं.नौ देवियों कि पूजा का सफल मार्ग नारी सम्मान है जिसमे शिक्षा कि समानता पर नागरिक को विशेष ध्यान देना चाहिए.नवरात्रि माँ शक्ति कि आराधना का माध्यम है जिससे सामाजिक कुरितियों जैसे महिलाओं,नारियों व बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार का शमन,बुराई पर अच्छाई कि जीत तथा असत्य पर सत्य कि विजय का प्रतीक है!
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