सावधान यात्रा में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने साधा निशाना
अजमत अली
लोकेशन- बस्ती
सुभासपा के 20 वें स्थापना दिवस पर सावधान यात्रा में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शिरकत की, कुदरहा में सावधान यात्रा के तहत जनसभा को सम्बोधित किया, सभा को सम्बोधित करते हुए सपा पर जमकर हमला बोला उन्होंने कहा की हमें हराने के लिए गठबंधन में मिली सीटों पर डमी कंडीडेट दिए गए, बस्ती मण्डल में तीन सीटें हम जीत कर देते लेकिन हम समाजवादी पार्टी का शिकार हो गए, अगर हम लोग सूझबूझ से काम नहीं लेते तो बस्ती की महादेवा सीट पर भी हम को डमी कंडीडेट दिया जा रहा था, हम ने आखिरी समय में कहा की दूधराम को एबी फार्म दो जो भी होगा हम अखिलेश से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं, अखिलेश जी चाहते थे की ओम प्रकाश राजभर को जो सीट दी जा रही है वो जीत कर न आएं नहीं तो हम से बहुत लडेगा, बस्ती मण्डल की तीनों सीट हम को हरवाने के लिए लगे थे, जहां जहां हम को सीट दिया तय किया था की कंडीडेट हमारा होगा सिम्बल सुभासपा का, हम दोस्ती निभाना जानते हैं जब दोस्ती तोडते हैं तो दुश्मनी भी मजबूती से निभाना जानते हैं,
अखिलेश यादव के भाजपा को सबसे बड़ी झूठी पार्टी बताने के बयान पर उन्होंने कहा की वो कौन सही पार्टी हैं, सहारनपुर में कांग्रेस के बड़े मुस्लिम नेता को पार्टी ज्वाइन कराई, आजमगढ़ में गुड्डू जमाली को पार्टी ज्वाइन कराई लेकिन उन को टिकट नहीं दिया, यह कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं, वहीं अखिलेश के आरोप भाजपा और चुनाव आयोग ने मिल कर मुस्लिम और यादव के 30 से 40 हजार वोट लिस्ट से कटवाने के बयान पर कहा की उस समय अखिलेश जी क्या कर रहे थे, जनता के बीच टीबी पर आ कर बोलना अलग बात है, संविधान में बाबा साहब ने दिया है की जब वोट कटता है और बढ़ता है तो सभी राष्ट्रीय और मान्यता प्राप्त पार्टियों को एक कापी देता है, उस समय वह क्या कर रहे थे सो रहे थे, 5 साल में साढे चार साल बैठ कर लूडो खेलोगे और 6 महीने में आकर सत्ता पाओगे, जो 5 साल मेहनत करता है वो डिक्टेंशन पाएगा की आप, वहीं विधायक अब्बास अंसारी के भगौडा घोषित करने के सवाल पर उन्होंने कहा की अदालत का मामला है अदालत अपना काम कर रही वह अपना और हम अपना काम कर रहे हैं।
सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने 2024 में फिर से सपा से गठबंधन के सवाल पर कहा की राजनीती में कोई किसी का न दोस्त है न दुश्मन सपा बसपा में 36 का आंकडा था, दोनों को एक मंच पर देखा, फिर बिहार चलिए नीतीश जी को देखिए कभी कहा की राजनीती छोड़ दूंगा बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा फिर मोदी जी के साथ खड़े हो गए, कह रहे थे संयास ले लेंगे लालू की पार्टी में नहीं जाएंगे बिहार में दोनों ने मिल कर सरकार बना ली, कश्मीर में देख लीडिए पीडीपी और बीजेपी दोनों दो दुश्मन फिरभी दोनों मिल कर सरकार चलाए,
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