समान नागरिक संहिता देश की ज़रूरत, अखिलेश,ओवैसी सहित विपक्ष पर साधा निशाना
बलिया: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर जहां पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि विपक्ष हताश और निराश है। लिहाजा विपक्ष समाज में बेवजह के मुद्दे उठाने का काम कर रहा है। यूसीसी किसी धर्म और जाति को टारगेट करके नहीं है बल्कि यह तो पीएम मोदी के नारे सबका साथ सबका विकास के जरिए 2014 से लगातार देश के जन-जन सहित पिछड़े समाज, पसमांदा समाज, दलित एवं अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए जो काम किया है,उससे पूरे देश में विश्वास की नई उम्मीद जगी है।
यूसीसी को एक जाति धर्म से जोड़कर राजनीति करने वाले तमाम विपक्षी दलों को मुस्लिमों ने खुद एक संदेश दिया है ।2014 2019 या फिर हाल ही में हुए यूपी के निकाय चुनाव में मुसलमानों ने आगे बढ़कर मोदी और योगी की योजनाओं पर भरोसा जताया। यूसीसी हमारे देश को एकता के एक सूत्र में बांधने के लिए एक निर्णायक कदम साबित होगा।
समान नागरिक संहिता को लेकर योगी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने सपा के मुखिया अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में अपना जनाधार खो चुकी है ।ऐसे में उन लोगो के द्वारा विपक्षी एकता का जो एक्सरसाइज किया जा रहा है और पटना में विपक्षी एकता के फेल हुए शो को सभी ने देखा है ।जहाँ सभी विपक्ष के लोग एकजुट नही हो पाए। समाजवादी पार्टी का एजेंडा समाज और देश का भला नहीं बल्कि उनका एजेंडा सिर्फ निजी राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए सत्ता की कुर्सी हासिल करना है। यूसीसी हमारे देश की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जरूरत को समझते हुए सभी से संवाद कर सार्थक दिशा में कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों की जन जन ने सराहना की है और यही वजह है कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है।
समान नागरिक संहिता पर ओवैसी के दिए विवादित बयानों पर टिप्पणी करते हुए मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि एआईएमआईएम, सपा बसपा या फिर कांग्रेस सभी दलों को यह समझना चाहिए कि यूसीसी को लेकर पूरा देश प्रधानमंत्री जी के साथ खड़ा है। जो विपक्षी दल देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें देश देख रहा है।
वही मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड द्वारा यूसीसी का विरोध करने पर कहा कि किसी के विरोध करने से हमारे देश और समाज की जरूरत नहीं बदल सकती। देश और समाज के ढांचे को व्यवस्थित करने के लिए अगर प्रधानमंत्री कोई कदम उठा रहे हैं। अगर कोई उसका विरोध कर रहा है तो यह अनुचित है ।सभी के साथ संवाद कर देश को उचित दिशा में आगे ले जाने के लिए वो हमेशा काम करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे ।
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