बलिया: जाने क्यों अनशन पर बैठा है गरीब परिवार, सुबह से हो गयी शाम
बलिया: एक तरफ प्रदेश सरकार गरीबों को राशन कार्ड और आवास देने का दावा कर रही है वही दूसरी तरफ एक परिवार कलेक्ट्रेट परिसर में अंत्योदय राशन कार्ड और आवास की मांग को लेकर सुबह से शाम तक अनशन पर बैठा रहा लेकिन कोई सुनने वाला नही दिखा। कलेक्ट्रेट परिसर में एक मासूम बच्चे को उसके माता-पिता सुबह से ही अपनी मांग को लेकर अनशन पर बैठे रहे, कारण है गरीबी जिसे इस देश मे अभिशाप कहा जाता है। मामला विकास खण्ड बैरिया अंतर्गत तिवारी के मिल्की चक गिरधर गांव का है। अनशन पर बौठे पति पत्नी की माने तो हम झुग्गी झोपड़ी में रहते है न कोई काम है न कोई आशियाना। पत्नी रमिता की माने तो वो किसी के खेत मे काम कर जीविका चलाती है पति को सांस की समस्या है जिससे वो कोई काम करने में सक्षम नही है। पीड़ित हरिशंकर की माने तो पूर्व में पिता के नाम से अंत्योदय कार्ड था जो निरस्त हो गया है बताया जिलापूर्ति अधिकारी और डीएम को पत्र के माध्यम से आवास और राशन कार्ड बनाने की मांग किया लेकिन गलत रिपोर्ट लगा कर हमे योजना से वंचित रखा गया आरोप है कि गांव की प्रधान रमावती देवी भी हमारी मदद नही कर रही है। जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट में लिखा है कि इनकी जमीन पर पक्का मकान है जबकि दो कमरों का पक्का मकान हरिशंकर के भाई का है और वो अलग रहते है और हरिशंकर उसका परिवार झुग्गी झोपड़ी में दो बच्चों के साथ किसी तरह गुजरा करते है। अब सवाल उठता है कि आखिर प्रशासन के नज़र में पात्र कौन है, जिसको सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। अगर अनशन पर बैठा ये परिवार उसके लायक नही है तो फिर कौन है, कोई क्यों, 40 किलो मीटर दूर से बलिया मुख्यालय पर आकर अनशन पर बैठेगा।
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