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कलवारी-रामपुर तटबन्ध के दक्षिण बसे बैडारी एहतमाली के मईपुर और महुआपार कला के मदरहवा गाँव को कटान से बचाने के लिए बचाव कार्य शुरू

 


कुदरहा। कलवारी-रामपुर तटबन्ध के दक्षिण बसे बैडारी एहतमाली के मईपुर और महुआपार कला के मदरहवा गाँव को कटान से बचाने के लिए बचाव कार्य शुरू कर दिया। कटान के डर से ग्रामीण अपने पक्के मकान तोड़कर ईट व घरेलू सामान सुरक्षित स्थान पर लें जा रहे हैं। दर्जनों ग्रामीण कटान की भय से समान और मवेशी सहित बंधे पर खुले आसमान में शरण लेंने को मजबूर हैं। मदरहवा गाँव को कटान से बचाने के लिए नेपाल और लखीमपुर खीरी सहित लगभग डेढ़ सौ मजदूर बोरो में मिट्टी और बम्बू बनाकर रोकने का प्रयास कर रहें हैं।पीड़ितों का कहना है कि यदि प्रशासन पहले से गांव को बचाने का प्रयास किया होता तो आज इतना भयाहवा स्थित नही होती।



सरयू नदी का कटान बुधवार को भी तेजी से जारी रहा है। सरयू नदी कटान करते सुरेंद्र पासवान के घर के करीब पहुँच गया। कटान की वजह सुरेंद्र पासवान ने नम आँखों से अपने पक्के आशियाने को तोड़कर ईंट सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। गंगाराम पासवान भोले ने बताया कि घर को खाली कर सामान बैडारी कस्बे में चार हजार रुपये में किराए के मकान में सुरक्षित किया है। राजकुमार राधेश्याम पासवान रमेश शांति राकेश ज्ञानचंद अपने सामान मवेशी और परिवार के साथ रामपुर तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। सरयू नदी के कटान की भयावह स्थिति देखते हुए जिला प्रशासन एवं बाढ़ खंड ने मदरहवा गांव को बचाने के लिए नेपाल लखीमपुर खीरी सहित लगभग डेढ़ सौ मजदूरों से नदी की धारा मोड़ने के लिए प्लास्टिक की बोरी में बालू और ईट डालकर नदी की धारा मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। नदी की धारा मोड़ने के लिए बाढ़ खंड ने शारदा नगर लखीमपुर खीरी से विशेष अनुभवी मजदूरों को बुलवाया है जो बंबू और प्लास्टिक की बोरी से धारा मोड़ने का उपाय कर रहें हैं। लखीमपुर से आए संतोष कुमार मनीष लालता सूरज प्रहलाद और सुरेश कुमार ने बताया कि इससे पहले टक़टकवा कटारिया चांदपुर सीतापुर पीलीभीत में हुए कटान को रोकने में सफल रहें हैं। ग्रामीणों का आरोप है प्रशासन द्वारा अभी तक बाढ़ पीड़ितों को कोई राहत सामग्री उपलब्ध नहीं कराया गया है।

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