विश्व रेबीज दिवस पर आईएमए बस्ती द्वारा संगोष्ठी का किया गया आयोजन
आईएमए बस्ती द्वारा मनाया गया विश्व रेबीज दिवस 2025
बस्ती। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) बस्ती शाखा के तत्वावधान में 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस 2025 के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएमए अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने की। इस अवसर पर अनेक चिकित्सकों ने भाग लेकर रेबीज जैसी प्राणघातक बीमारी से बचाव, टीकाकरण और जनजागरूकता पर विचार साझा किए।
इस वर्ष विश्व रेबीज दिवस का थीम था — “अभी कार्यवाही करें: आप, मैं और समुदाय।”
डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि हर व्यक्ति को रेबीज के बारे में जागरूक होना चाहिए और दूसरों को भी जानकारी देनी चाहिए। अपने पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण करना और संक्रमित पशुओं से सावधानी बरतना आवश्यक है।
डॉ. सुरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि रेबीज एक घातक बीमारी है जो मुख्यतः कुत्तों, बिल्लियों, गाय, घोड़े आदि के काटने या खरोंच से फैलती है। यह वायरस मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष विश्वभर में लगभग 59 हजार लोगों की मौत रेबीज के कारण होती है, जिनमें से लगभग 20 हजार मौतें भारत में होती हैं।
उन्होंने बताया कि कुत्तों का बड़े पैमाने पर टीकाकरण करने से लगभग 70 प्रतिशत संक्रमणों को रोका जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को कुत्ता या अन्य जानवर काट ले, तो घाव को तुरंत साबुन लगाकर 15 मिनट तक बहते पानी से साफ करें, टांका न लगवाएं और न पट्टी बांधें। इसके बाद चिकित्सक की सलाह से सेल कल्चर वैक्सीन और टिटनेस का टीका लगवाना चाहिए।
डॉ. श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर कुत्तों के टीकाकरण के लिए प्रभावी अभियान चलाने की जरूरत है, साथ ही आवारा कुत्तों की सुरक्षा और नियंत्रण के उपाय भी करने चाहिए, क्योंकि उनके काटने का शिकार अधिकतर 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे होते हैं।
अंत में उन्होंने कहा कि “रेबीज 100% रोकी जा सकती है यदि समय पर घाव की सफाई और वैक्सीनेशन किया जाए।”
इस अवसर पर आईएमए के संरक्षक डॉ. के.के. तिवारी, पूर्व अध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार, सचिव डॉ. एन.के. चौधरी, उपाध्यक्ष डॉ. अश्वनी कुमार सिंह, डॉ. आर.एन. द्विवेदी, डॉ. एम.एम. सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ. डी.के. श्रीवास्तव, सह-सचिव डॉ. दीपक श्रीवास्तव, डॉ. सी.एल. कलोजिया, डॉ. अनिल कुमार चौधरी, डॉ. एस.पी.ओ. चौधरी, डॉ. पवन मिश्र एवं डॉ. आनंद कुमार सिंह सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित रहे।



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