मध्यस्थता से सह-अस्तित्व की ओर बढ़ता समाज: ट्रैक सेकंड की पहल
बस्ती। आज की तेज़ रफ्तार जीवनशैली में बढ़ते पारिवारिक, व्यावसायिक और सामाजिक विवाद समाज के लिए एक गंभीर चुनौती बनते जा रहे हैं। ऐसे समय में मेडिएशन (मध्यस्थता) और ऑल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेज़ोल्यूशन (ADR) एक प्रभावी, मानवीय और व्यावहारिक समाधान के रूप में सामने आए हैं। ये प्रक्रियाएँ संवाद, समझ और आपसी सहमति के माध्यम से विवादों को सुलझाने पर बल देती हैं, जिससे समय, धन और संबंध—तीनों की रक्षा संभव हो पाती है।
ट्रैक सेकंड एसोसिएशन के निदेशक अधिवक्ता एवं मध्यस्थ हरिदत्त मिश्र ने बताया कि इसी दिशा में नोएडा स्थित गैर-लाभकारी संस्था ट्रैक सेकंड एसोसिएशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। संस्था मध्यस्थता और वार्ता के माध्यम से विवाद समाधान के साथ-साथ समाज में शांति, संवाद और सह-अस्तित्व की संस्कृति को मज़बूत कर रही है। ट्रैक सेकंड की पहल ‘द पीस परस्पेक्टिव’ शांतिपूर्ण समाधान और सहमति आधारित न्याय पर विमर्श का प्रभावी मंच प्रदान करती है, जबकि ‘वॉयसेज़ ऑफ पीस’ जैसे मध्यस्थता जागरूकता सर्वे समाज की सोच और समझ को जानने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
मध्यस्थता को जन-आंदोलन का स्वरूप देने के उद्देश्य से ट्रैक सेकंड ने अपने यूट्यूब चैनल पर विभिन्न भारतीय भाषाओं में 16 मेडिएशन गीत जारी किए हैं, जिन्हें देश-विदेश में व्यापक सराहना मिली है। इसके साथ ही अनेक कंपनियाँ और संस्थान ‘मेडिएशन फर्स्ट प्लेज’ लेकर ट्रैक सेकंड से जुड़ रही हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रैक सेकंड जैसी पहलें न केवल न्याय प्रणाली पर बढ़ते बोझ को कम कर रही हैं, बल्कि एक अधिक संवादशील, शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक समाज की नींव भी रख रही हैं।



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