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कोहबर कार्यशाला एवं प्रदर्शनी कार्यक्रम का डीएम ने किया शुभारंभ


बस्ती: राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग एवं बस्ती विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में परंपरा कोहबर कार्यशाला एवं प्रदर्शन कार्यक्रम का  आयोजन टाउन क्लब में किया गया। जिलाधिकारी  प्रियंका निरंजन ने दीप प्रज्वलित तथा तुलसी को जल अर्पित कर पारंपरिक विधि विधान से कार्यक्रम का उदघाटन किया। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारी जो संस्कृति है धीरे धीरे महिलाएं भूलती जा रही हैं। कोहबर एक प्राचीन कला है जो आदि काल से गांव में महिलाओं द्वारा विवाह के मौके पर पूजा वाले घर में बनाया जाता रहा है आज शहरों में यह परम्परा समाप्त होती जा रही है,इस परम्परा को पुनः चर्चा में लाने के लिए आयोजकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

राज्य ललित कला अकादमी के सदस्य डा नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि  संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह और उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि लोक कलाओं के संरक्षण के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों से  आमजन को जोड़कर रोजगार हेतु आत्मनिर्भर बनाया जाए।

समिति महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ शैलजा सतीश ने समिति परिचय कराते हुए कहा कि समिति वर्ष 2006 से लगातार अपनी भारतीय संस्कृति के संवर्धन हेतु कार्य करते आ रही है। समिति अपनी धरोहर के संवर्धन हेतु प्रतिवद्ध है और इस तरह के आयोजन करके समाज को प्रेरित करना चाहती है कि हम अपनी जड़ से जुड़े।

समिति संस्थापक राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि शादी विवाह एवं शुभ कार्यो में घरों में कोहबर बनाने की परंपरा आदि काल से ही चली आ रही हैं। भारतीय संस्कृति को परंपरा के माध्यम से जीवंत करने का यह एक प्रयास है। समिति संरक्षक डा वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि शहरों में छोटे फ्लैटों में निवास, विवाह की सारी प्रक्रिया मैरिज हाल में होने के कारण कोहबर जैसी प्राचीन परम्परा लुप्त होने लगी  जिसको पुनः जीवित करने का यह एक अनूठा प्रयास  है।

सह संयोजक डॉ संदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कोहबर संस्कृति हमारी पारंपरिक मातृ संस्कृति से जुड़ी हुई है। कोहबर का अर्थ है घर का वह स्थान जहाँ कुल देवता स्थापित किये जाते है। वर्षो से यह परंपरा वंश परंपरा के अंतर्गत संरक्षित है।

कार्यक्रम में मंच सज्जा एवं रंगोली  एस आर्ट के शिवम गुप्ता के नेतृत्व में शिवम शर्मा, सलोनी, प्राची पाठक, शिवम कुमार, निधि जायसवाल, मोहिनी, रजनीश गोस्वामी, अभिषेक रोशन सिंह ने बनाया।

मंच संचालन उपाध्यक्ष डॉ शिवा त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के पूरे समय डॉ सुमनं सागर एवं अन्य महिलाओं द्वारा पारम्परिक लोक गीत चलता रहा।

कोहबर कार्यशाला में का सु साकेत महाविद्यालय से चित्रकला की विभागाध्यक्ष डॉ कुमुद सिंह, डॉ रेखारानी गोरखपुर, डॉ सरिता सिंह अयोध्या, नीलिमा गौतम, डॉ रमा शर्मा, सोनाली सिंह,  विभा श्रीवास्तव, ऋतु गुप्ता, शशिप्रभा त्रिपाठी, सरिता शुक्ला, कमलवटी, दीपा सिंह रघुवंशी, दीपाली गुप्ता, नीतू पाण्डेय सहित 25 महिलाओं ने प्रतिभाग किया। 

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राज्य ललित कला अकादमी के प्रतिनिधि वरिष्ठ लिपिक ओम प्रकाश श्रीवास्तव, सरिता शुक्ला, पूर्णिमा तिवारी, डॉ सुमनं सागर, अनुपमा श्रीवास्तव,  बालमुकुंद आकाश, भक्ति नारायण, दिलीप कुमार प्रजापति, राजेश चित्रगुप्त, संतोष श्रीवास्तव, रमेश श्रीवास्तव, संदीप श्रीवास्तव, प्रशांत पाण्डेय, रीता त्रिपाठी, निर्मला वर्मा, दृष्टी श्रीवास्तव, दिक्षान्त नवीन, अमन श्रीवास्तव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

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