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जान जोखिम में डालकर यात्रा करते है कई गाँव के लोग


 कुदरहा,बस्ती अज़मत अली:

अधिकारियों से लेकर नेताओं तक का चक्कर लगा चुके हैं ग्रामीण फिर भी समस्या जस की तस


हादसों को दावत दे रहे इस पुल को जरा आप भी देख लीजिए


बस्ती: जरा सी लापरवाही मौत की वजह बन सकती है, ध्यान थोड़ा सा भी भंग हुआ की जिंदगी पर बन आएगी। इस जुगाड़ के पुल पर चलना इतना आसान नहीं है, लेकिन इस गांव के और आसपास के गाँवों के लोग हर रोज जान हथेली पर लेकर इस पुल से गुजरते हैं।आपको बता दें ये  बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक का तिघरा घाट है। ये जुगाड़ का पुल मनोरमा नदी पर बना हुआ है।गांव के लोगों ने टूटे बिजली के पोल को साइफन के ऊपर रखकर  इस जुगाड़ के पुल को बनाया है। जिसकी चौड़ाई महज 2 फीट है।ये तिघरा घाट ब्लॉक और मुख्य मार्ग को सीधा जोड़ता है लेकिन इस पुल पर साइकिल तो दूर पैदल चलना मुश्किल है। सरकार दावा करती है कि विकास गांव के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगा

मगर बस्ती जिले के कुदरहा ब्लॉक के तिघरा घाट गांव में विकास अपना रास्ता ही भूल गया है।सरकार के  विकास के दावे कुदरहा ब्लॉक के तिघरा घाट में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। इस गांव के लोग नदी पार करने के लिए अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं।इलाकों के लोगों ने नेता से लेकर अधिकारी तक गुहार लगाई लेकिन सालों से आश्वासन ही मिलता आ रहा है।ग्रामीण आज भी जुगाड़ के पुल से नदी पार कर रहे हैं। बरसात के दिनों में जब नदी में पानी भर जाता है। स्थिति और भी भयावह होती है। जुगाड़ का पुल नदी में डूब जाता है बच्चों का स्कूल जाना बंद हो जाता है। लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती है।इस पुल के सहारे दर्जनभर गांव के लोगों का आना जाना रहता है। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने कभी उन लोगों की सुधि नहीं ली। क्षेत्र के लोगों को आज भी उस दिन का इंतजार है  कि कब सरकार का ध्यान इस तरफ जाता है , ताकि लोगों के परेशानियों का अंत हो सके।

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