शास्त्री चौक पर मनाई गई निषादराज गुह्य की जयंती, राज्यमंत्री रमाकान्त निषाद रहे मुख्य अथिति
बस्ती: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण को गंगा पार कराने वाले निषादराज गुह्य को उनकी जयन्ती पर याद किया गया। बुधवार को ई राजबहादुर निषाद के संयोजन में शास्त्री चौक पर आयोजित सर्वदलीय कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि महाराजा दशरथ मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ने तो अपने युग में निषाद समाज को भाई के समान आदर दिया किन्तु आजाद देश में निषाद समाज को प्रतिष्ठा कब मिलेगी।
कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये मत्स्य निगम के चेयरमैन दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रमाकान्त निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार में निषाद समाज की समस्याओं के समाधान हेतु अनेक कल्याणकारी योजनायें चलायी जा रही है। उन्होने एकजुटता पर जोर दिया।
निषादराज गुह्य को उनकी जयन्ती पर आयोजित कार्यक्रम को सोमनाथ संत जी गंगा राम निषाद, डा. पतिराज निषाद, श्यामलाल निषाद, बब्लू निषाद, रामयज्ञ निषाद, ई. ठाकुरदीन निषाद, पंकज निषाद, अशोक निषाद, सीमा निवाद, रामअचल निषाद, डा. जगराम निषाद, रामू निषाद, विनोद निषाद, रामजनम निषाद, सत्यराम निषाद आदि ने सम्बोधित करते हुये कहा कि निषादराज गुह्य मछुआरों और नाविकों के राजा थे। उनका ऋगवेरपुर में राज था। उन्होंने प्रभु श्रीराम को गंगा पार कराया था। वनवास के बाद श्रीराम ने अपनी पहली रात उन्हीं के यहां बिताई थी। श्रृंगवेरपुर में इंगुदी (हिंगोट) का वृक्ष हैं जहां बैठकर प्रभु ने निषादराज से भेंट की थी। निषाद समाज निषादराज गुह्य के सम्मान में युगों तक नतमस्तक रहेगा। वे हमारी प्रेरणा के श्रोत है। कार्यक्रम संयोजक ई. राजबहादुर निषाद ने कहा कि जयंती का यह पर्व संकल्पों का दिन है जब हम अपने समृद्ध इतिहास पर गर्व करते हैं। हमें वर्तमान राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक मोर्चों पर विचार कर एकजुटता से आगे बढ़ना होगा यही निषादराज गुह्य के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। अध्यक्षता सुबाष चन्द्र निषाद ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अमर निषाद, मंगल निषाद, ओंकार निषाद, अवधेश निषाद, राममूर्ति वीरेन्द्र, सत्यराम, अखिलेश साहनी, इन्द्रेश, सुशीला देवी, मीना देवी, लक्ष्मी, नीतू बब्बनलाल साहनी, विश्राम निषाद, डा. आशाराम, मनीष, जितेन्द्र कश्यप, अम्बिका निषाद, प्रेमचन्द्र, अभिषेक साहनी, राजमणि, प्रदीप, अजय प्रताप, रामजीत निषाद, के साथ ही विभिन्न वर्गों के लोग शामिल रहे।
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