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अंडिका में किसानों मजदूरों ने राहुल सांकृत्यायन का जन्म दिवस मनाया


रिपोर्ट _पदमाकर पाठक

आजमगढ़ की अन्डिका बाग में उन्नीसवें दिन किसानों मजदूरों का धरना जारी है. 





पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन दार्शनिक, लेखक और साहित्यकार ही नहीं वे स्वतंत्रता सेनानी और किसान नेता भी थे. उन्होंने 1936 में सहजानंद सरस्वती के साथ मिलकर किसान सभा का गठन कर जमींदारों के जुल्म के खिलाफ आन्दोलन का नेतृत्व किया था और जेल भी गए. बिहार में अमवारी किसान सत्याग्रह के बाद छपरा जेल में ही रहते हुए राहुल सांकृत्यायन ने अपनी प्रसिद्ध किताब ‘तुम्हारी क्षय’ लिखी थी. जिसमें उन्होंने किसान-मजदूर एकता की बात करते हुए पूँजीपतियों, जमींदारों और महाजनों के साथ रूढ़िवादी समाज और दक़ियानूसी परम्पराओं के क्षय होने की बात कही. राहुल सांकृत्यायन का कहना था कि असहयोग के समय भी मैं जिस स्वराज्य की कल्पना करता था, वह काले सेठों और बाबुओं का राज नहीं था. वह राज था किसानों और मजदूरों का क्योंकि तभी गरीबी और अपमान से जनता मुक्त हो सकती थी.


पूर्वांचल किसान यूनियन के बैनर तले अन्डिका, खुरचंदा, बखरिया, छज्जोपटी, सुलेमापुर, खन्डौरा, बरामदपुर, भेलारा, कलवारी बाँध में किये गये सर्वे को रद्द करने की की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरना चल रहा है. धरने की अध्यक्षता मेवाती देवी और संचालन श्वेता ने किया. धरने में प्रमुख रूप से पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव विरेन्द्र यादव, जनवादी किसान सभा के जयप्रकाश, राम आसरे पाल, सावित्रीबाई फूले बाल पंचायत की अध्यक्ष मुस्कान रत्नगंगा, रिया समेत तमाम किसान मजदूर शामिल रहे।

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