24 C
en

जिला होम्योपैथी चिकित्साधिकारी पर डिग्री की जांच के बहाने रजिस्टर्ड डॉक्टर के उत्पीड़न का आरोप

 


 बस्ती: हाल में जिला होम्योपैथी चिकित्साधिकारी अशोक सिंह डीएम अन्द्रा वामसी के आदेश पर डिग्री की जांच के लिए होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. प्रेमनरायण के पास पहुंचे थे। जिसके बाद डॉ. अशोक सिंह ने धारा 332 के तहत सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में डॉक्टर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। इतना ही नहीं कलवारी पुलिस ने डॉक्टर प्रेम नारायण के खिलाफ़ 107, 116 व 151 में चालान भी किया था।


बेलवाडाड़ निवासी होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ. प्रेमनरायण ने मीडिया में को बताया कि पुलिस प्रशासन मेरे खिलाफ इसी तरह की साजिश करता है और मुझे जेल में कैद रखना चाहता है । इसका कारण यह है कि मैं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य करता हूं और इसी की सजा है कि पुलिस - प्रशासन मेरे खिलाफ रहता है। गलत को गलत कहना आज के समय का अपराध है। 



डॉ. प्रेमनरायण ने स्पष्ट किया कि वे पिछले 35 वर्षों से इलेक्ट्रो होमियोपैथ और पिछले 5 वर्षों से होमियोपैथ के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने जांच के दौरान रजिस्ट्रेशन के सभी कागजात दिखाए और जांच में पूर्ण सहयोग दिया।


हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान, एसओ भानुप्रताप सिंह ने बताया कि मेडिकल अफसर अशोक सिंह की तहरीर पर डॉ. प्रेमनरायण के खिलाफ आइपीसी की धारा 332 के तहत केस दर्ज कर लिया गया। डॉ. प्रेमनरायण का दावा है कि 18 जून 2024 को उन्होंने अपने लाइसेंस के कागजात देने के बावजूद, जिलाधिकारी के मौखिक आदेश पर उन्हें हिरासत में लिया गया और अटल बिहारी वाजपेई सभागार, बस्ती में डिटेन किये रखा।


डॉ. प्रेमनरायण ने यह भी बताया कि दोपहर से डिटेन किए जाने के कारण उनके क्लिनिक पर आए मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे उनके चिकित्सकीय कार्य में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई। 


जब इस उत्पीड़नात्मक कार्यवाही के विरुद्ध डॉ. प्रेमनरायण के पुत्र और पत्रकार प्रभात ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, तो पुलिस ने इस पर जवाब दिया। पुलिस द्वारा की गई 107, 116 एवं 151 की कार्यवाही और बस्ती पुलिस द्वारा ट्वीट में दी गई जानकारी में काफी भिन्नता पाई गई, जो इस घटना के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है।


इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि डॉ. प्रेमनरायण एक योग्य और अनुभवी चिकित्सक हैं, जिनकी सेवाएं जनता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके खिलाफ की गई कार्यवाही के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सच्चाई को सामने लाने के लिए उनके परिवार और समर्थकों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए।

Older Posts
Newer Posts

Post a Comment