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सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास महज धोखा-प्रेम शंकर द्विवेदी


 बस्ती: भारत की बहुसंख्यक आबादी की सालीना आय 7 लाख नही है। ऐसे में टैक्सपेयर को छूट देकर मनभावन बजट पेश करने का ढोल पीटने वालों को हकीकत समझने का प्रयास करना चाहिये। पूरा बजट बोगस है। यह बातें कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्य समिति सदस्य प्रेमशंकर द्विवेदी ने प्रेस को जारी बयान में कही। उन्होने कहा बेरोजगारों, किसानों के लिये बजट में कुछ भी नही है। सिर्फ मितरों को लाभ पहुंचाने वाला बजट पेश कर सरकार वाहवाही लूट रही है। बजट में 2024 की तैयारी साफ दिख रही है। ऐसी वस्तुओं के दाम नही कम किये गये जो रोजमर्रा की जरूरतों में शामिल है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के लिये ऐसा बजट पेश किया जो आगे चलकर अमीरों और गरीबों के बीच की खाई और गहरी करेगा। पूरे बजट में कहीं सामान्य जीवन यापन कर रहे परिवारों की चिंता नही की गयी। बस कारपोरेट घरानों और चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुचाने के लिये योजनाबद्ध तरीके से बजट लाया गया।


कांग्रेस नेता ने कहा खेती किसानी, से जुड़ी वस्तुओं, डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस आदि वस्तुओं के दाम कम करने की तरफ सरकार ने देखा भी नही। बजट पेश करने के पहले वित्तमंत्री को देश की परिस्थितियां, लोगों का जीवन स्तर और उनकी आय का स्तर समझ में नही आया। बस एक बात समझ में आई कि टैक्सपेयर का स्लैब बदल दिया। आम आदमी को जिससे राहत मिलती उसे दुआ तक नही गया। प्रेमशंकर द्विवेदी ने मौजूदा बजट प्रस्तावों को सिरे से खारिज करते हुये कहा है कि महगाई पर रोक लगाने का प्रयास नही किया गया। इतना ही नही मनरेगा के बजट में 33 फीसदी कटौती कर योजना और इससे जुड़े श्रमिकों को खत्म करने का प्रयास किया गया है। सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास महज धोखा है।
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