शिव पुराण को पढना और सुनना बहुत ही पुण्यदायी होता है-स्वामी सूर्यकांताचार्य
कुदरहा,बस्ती अज़मत अली: कुदरहा विकास क्षेत्र के ग्रामसभा छरदही के दुग्धेश्वर नाथ शिव मंदिर पर आयोजित नौ दिवसीय श्री शिव पुराण कथा के द्वितीय दिवस की कथा मे श्री स्वामी सूर्यकांताचार्य जी महाराज ने कहा कि शिव पुराण जिसमें कुल 7 भाग संहिता है। इन संहिताओं में शिव पुराण पाठ के नियम, विधि और पुराण पाठ के लाभ सहित शिव लीला की कथाएं हैं।
इनके पाठ से शिव भक्त लोक और परलोक दोनों ही जगह सुख पाते हैं।
शिव पुराण को पढना और सुनना बहुत ही पुण्यदायी होता है।
श्री महाराज जी ने कहा कि वाष्कल ग्राम में विंदुक नाम पतित
एवं वेश्यागामी ब्राह्मण रहता था।
उसने अपनी ही पत्नी चंचुला को वेश्यावृत्ति में लगा दिया।
इस पाप के कारण मरने के बाद विंदुक विनध्याचल पर्वत पर पिशाच हुआ। उसकी पत्नी ने शिव पुराण कथा के प्रभाव से शिव लोक को प्राप्त किया।
चंचुला ने माता पार्वती से पति की स्थिति जानी तो पति के मुक्ति के लिए निवेदन किया। मां पार्वती ने तुम्बुरु गंधर्व को विदुक पिशाच को कथा सुनाने के लिए भेजा तो तुम्बुरु ने बल पुर्वक उस पिशाच को बांध कर शिव कथा सुनाया। जिससे वह पिशाच मुक्त होकर शिव लोक को प्राप्त हुआ। कथा वक्ता ने कहा की शिव महापुराण की कथा पतितों को भी पवित्र कर देती है।
इस अवसर पर भाजपा पिछड़ा मोर्चा के जिला अध्यक्ष ब्रह्मदेव यादव,कथा प्रवक्ता विद्याधर भारद्वाज, पप्पू दूबे,हरेंन्द्र दूबे,गोपाल दूबे,मनोज त्रिपाठी,बंटी दूबे,राम करन मौर्य,राम भगत गोस्वामी सहित अनेको लोग उपस्थित रहे।
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